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आयुर्वेद की सुरक्षा किट बढ़ाएगी प्रतिरोधक क्षमता, आरोग्‍य मेले में सुरक्षा किट का वितरण

काशीवासियों को जिले में एक और आयुर्वेदिक अस्पताल का तोहफा शीघ्र मिलने जा रहा है। मोहन सराय के पास मातलदेयी मार्ग पर भद्रासी गांव में 50 बेड का इस मल्टी-स्पेसियालिटी अस्पताल बनकर तैयार है। इसका निर्माण राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत 6.80 करोड़ में कराया गया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 05:09 PM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 07:51 PM (IST)
आयुर्वेद की सुरक्षा किट बढ़ाएगी प्रतिरोधक क्षमता, आरोग्‍य मेले में सुरक्षा किट का वितरण
काशीवासियों को जिले में एक और आयुर्वेदिक अस्पताल का तोहफा शीघ्र मिलने जा रहा है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। कोरोना के काल में लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कम  होने की बहुत शिकायत मिली। कोरोना से बचने के लिए लोगों ने आयुर्वेदिक काढ़ा व औषधियों का भी खूब सेवन किया। अब आयुर्वेद विभाग की ओर से मरीजों में सुरक्षा किट वितरित किया जा रहा है। इसमें च्यवनप्राश, आयुष क्वाथ, सम्सामनि वटी व अणु तैल शामिल हैं।

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हर रविवार को मुख्यमंत्री आरोग्य मेला विभाग लगा रहा है। आरोग्य मेले में इस सुरक्षा किट को वितरित किया जा रहा है। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक अधिकारी डा. भावना द्विवेदी बताती हैं कि जिले में 26 आयुर्वेदिक अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र हैं। बताया कि हर डिस्पेंसरी को 500-500 सुरक्षा किट मुहैया कराया गया है। ताकि वे आरोग्य मेले में लोगों को वितरित कर सके। बताया कि सभी डिस्पेंसरी लगभग 300-300 से अधिक सुरक्षा किट वितरित भी कर दिया है। डा. भावना ने बताया कि आयुर्वेद क्षेत्र में तमाम सुविधाएं बढ़ाई जा रही है। इसी कड़ी में जल्द ही काशीवासियों को जिले में एक और आयुर्वेदिक अस्पताल का तोहफा शीघ्र मिलने जा रहा है। मोहन सराय के पास मातलदेयी मार्ग पर भद्रासी गांव में 50 बेड का इस मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल बनकर तैयार है। इसका निर्माण राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत 6.80 करोड़ में कराया गया है।

अस्पताल में स्त्री एवं प्रसूति रोग चिकित्सकों के अलावा अन्य विशेषज्ञ चिकित्सक मरीजों का उपचार करेंगे। सामान्य रोगों के साथ ही क्षारसूत्र व पंचकर्म विधि से भी उपचार की व्यवस्था होगी। गठिया, सर्वाइकल, पाइल्स, शुगर जैसी बीमारियों से पीड़ित मरीज इस अस्पताल की सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। अस्पताल परिसर में एक योग कक्ष भी बनाया गया है। यहां तैनात होने वाले योग प्रशिक्षक लोगों को योग के जरिए निरोग रहने का हुनर सिखाएंगे। साथ ही कुछ रोगों का उपचार योग के जरिए भी किया जाएगा। डा. भावना ने बताया कि अस्पताल परिसर की खाली जमीन पर हर्वल गार्डेन बनाने की भी योजना है। यहां जड़ी-बूटियों के पौधे लगाए जाएंगे। यह औषधीय पौधे मरीजों के उपचार में तो काम आयेंगे ही अस्पताल के वातावरण को प्रदूषण मुक्त रखने में सहयोग करेगे।


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