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स्कूल और सिटी बसों को सीएनजी से चलाने का प्रस्ताव,17050 घरों में सीएनजी इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित

काशी की आबोहवा सुधारने को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलेक्ट्रिक बसों के साथ ही स्कूली वाहनों जेएनएनयूआरएम के तहत संचालित सिटी बसों को सीएनजी से चलाने का प्रस्ताव दिया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 12:46 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 12:46 PM (IST)
स्कूल और सिटी बसों को सीएनजी से चलाने का प्रस्ताव,17050 घरों में सीएनजी इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित
स्कूल और सिटी बसों को सीएनजी से चलाने का प्रस्ताव,17050 घरों में सीएनजी इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित

वाराणसी, जेएनएन। काशी की आबोहवा सुधारने को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलेक्ट्रिक बसों के साथ ही स्कूली वाहनों, जेएनएनयूआरएम के तहत संचालित सिटी बसों को सीएनजी से चलाने का प्रस्ताव दिया है। प्रस्ताव के बाद जिला प्रशासन, रोडवेज, आरटीओ और गेल स्कूली और सिटी बसों को सीएनजी से संचालित करने की कार्ययोजना पर काम शुरू कर दिया है।

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वाराणसी में इस समय 15 सौ से अधिक स्कूली बसें और इतनी ही संख्या में छोटे वाहन दौड़ते हैं। जेएनएनयूआरएम के तहत जिले के विभिन्न रूटों पर 127 सिटी बसें दौड़ती हैं। मुख्यमंत्री ने वाराणसी में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए प्रथम चरण में स्कूली वाहनों के साथ ही सिटी बसों को सीएनजी से चलाने को लेकर संभावना तलाशने का निर्देश दिया है। 

वाराणसी में गेल इंडिया की तरफ से छह सीएनजी पंप क्रियाशील हैं जबकि पांच और स्थापित करने का काम चल रहा है। शहरी क्षेत्र में लगभग 47 किलोमीटर स्टील पाइप लाइन और 208 किलोमीटर एमडीपीई पाइप लाइन डालने का काम पूरा हो चुका है। तीन हजार घरों में शहरी गैस वितरण योजना के तहत आपूर्ति की जा रही है जबकि 17050 घरों में गैस आपूर्ति के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो चुका है। 

गैस पाइप लाइन को लेकर बरतें सतर्कता, पहले लें अनुमति

शहर में विभिन्न मार्गों पर गेल ने गैस पाइप लाइन डाल दी है। नगर में चल रहे विकास कार्यों के चलते आए दिन किसी न किसी इलाके में सड़कें खोद दी जा रही। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से जल निगम, गंगा प्रदूषण इकाई, विद्युत, लोक निर्माण, दूरसंचार को कड़े निर्देश दिए गए हैं कि सड़क खोदने से पहले गेल से अनुमति ली जाए। गेल के अधिकारियों की मौजूदगी में उस स्थान पर सड़क खोदी जाए जहां से गैस पाइप लाइन गुजर रही हो ताकि पाइप लाइन को नुकसान न पहुंचे और कोई बड़ी घटना भी न हो।


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