वाराणसी में प्रियंका ने साधा सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला, रात को अचानक बदल दिए गए कई प्लान
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को बनारस दौरे के दौरान सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला साधने की कोशिश की।
वाराणसी, जेएनएन। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को बनारस दौरे के दौरान सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला साधने की कोशिश की। बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से राजघाट जाने के दौरान कज्जाकपुरा में मुस्लिम समुदाय के लोगों से मुलाकात की। वहीं राजघाट में कांग्रेसी नेता बाबू जगजीवन राम द्वारा बनाए गए संत रविदास मंदिर में तत्था टेका तो श्रीकाशी विश्वनाथ दरबार में पहुंचकर महंत परिवार से बात की।
कांग्रेस के अंदरखाने की बातों को सही मानें तो इसी सोशल इंजीनियरिंग फार्मूला को साधने के लिए रातों-रात प्रियंका का छात्रों के साथ संवाद कार्यक्रम स्थल बदल दिया गया। प्रोटोकाल के अनुसार यह संवाद कार्यक्रम पहले गुलेरिया कोठी में होनी थी तो बाद में बदलकर श्रीमठ कर दिया गया। श्रीमठ में भी प्रियंका ने पूजन-अर्चन कर विशेष संदेश दिया।
गंगा जल को लगाया सिर माथे
प्रियंका मोटर बोट से गंगा में सफर करने के दौरान गंगा के प्रति भी श्रद्धा-सुमन अर्पित की। उन्होंने गंगा जल को सिर माथे लगाया। वहीं महाश्मशान मणिकर्णिका घाट के सामने मोटर बोट रोकवाकर कुछ देर तक निहारती रहीं। गंगा के रास्ते गुजरने के दौरान उन्होंने हाथ हिलाकर घाट पर जमा श्रद्धालुओं का अभिनंदन किया।
गंगा की लहरों पर गूंजे स्वागत गीत
इस दौरान अन्य मोटर बोट से चल रहे कार्यकर्ता नारेबाजी कर रहे थे। कुछ नावों में सामाजिक कार्यकर्ता भी सवार थे। गीत गाकर कांग्रेस महासचिव का अभिनंदन कर रहे थे। प्रियंका भी ताली बजाकर उनका उत्साहवर्धन कर रही थीं। गंगा की लहरों पर पूरा माहौल कांग्रेसी रंग में रंगा हुआ था।
प्रियंका नेलिखी मन की बात
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा शुक्रवार को बनारस पहुंची तो पहली बार कांग्रेसी नेता स्व. बाबू जगजीवन राम द्वारा राजघाट में बनवाए गए रविदास मंदिर में दर्शन किया। इस दौरान उन्होंने मंदिर के विजिटर्स बुक में लिखा कि बहुत दिनों से यहां आने की तमन्ना थी जो अब पूरी हुई। रविदास समाज व मंदिर के सेवकों को मेरी बहुत शुभकामना व धन्यवाद। प्रियंका ने संत रविदास की प्रतिमा पर दो चादर भी चढ़ाया जिसमें एक चादर वह साथ लेकर आईं थीं तो दूसरा चादर मंदिर प्रबंधन की ओर से उपलब्ध कराया गया था। मंदिर में दर्शन-पूजन के दौरान मंदिर प्रबंधन की ओर से प्रियंका को दो बुक भेंट में दिया गया। इसमें एक उजास थी तो दूसरी किताब बाबू जगजीवन राम जन शताब्दी थी।