प्रियंका गांधी वाड्रा के दौरे ने तोड़ी गुटबाजी की दीवारें, ट्वीट कर दो शब्दों में दिया संदेश
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का बनारस दौरा स्थानीय इकाई के लिए संजीवनी का काम किया है। जगतपुर कालेज मैदान में हुई किसान न्याय रैली से निकली सत्ता परिवर्तन की ऊर्जा ने गुटबाजी की दीवारों को ढहा दिया है।
वाराणसी, सौरभ चंद्र पांडेय। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का बनारस दौरा स्थानीय इकाई के लिए संजीवनी का काम किया है। जगतपुर कालेज मैदान में हुई किसान न्याय रैली से निकली सत्ता परिवर्तन की ऊर्जा ने गुटबाजी की दीवारों को ढहा दिया है। इसका संकेत पूर्व सांसद राजेश मिश्र के एक ट्वीट ने किया। सोमवार को इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट हुए फोटो समेत दो शब्दों के संदेश ने एकजुट कांग्रेस की छवि को बखूबी प्रदर्शित किया।
फोटो में प्रियंका गांधी वाड्रा को एक तलवार भेंट की जा रही है। यह तलवार पूर्व विधायक अजय राय की ओर से दी गई थी जबकि मुकुट राजेश मिश्र ने पहनाया था। फोटो में एक साथ दोनों नेता खड़े हैं। अब तक यह देखा गया है कि दोनों नेता सार्वजनिक मंच पर दो धड़ों के रूप में रहे हैं। प्रदर्शन में भी अलग-थलग खड़े मिले हैं। हाल के दिनों में इंग्लिशिया लाइन स्थित कार्यालय में दोनों घरानों के बीच तल्खी बढ़ गई थी। परिणाम, कांग्रेस के कार्यकर्ता भी दो खेमे में बंटे नजर आ रहे थे लेकिन प्रियंका के दौरे ने सबकुछ बदल कर रख दिया।
कार्यकर्ताओं के कंधे पर जिम्मेदारी
निश्चित रूप से जगतपुर कालेज मैदान में हुई प्रियंका गांधी की रैली में शक्ति प्रदर्शन बेहतरीन था लेकिन जनसभा में आई भीड़ सिर्फ बनारस की नहीं थी। पूर्वांचल के कई जिलों से कांग्रेसजन जनसभा में प्रियंका को सुनने आए थे। हालांकि, इसे वोट में बदलना बड़ी चुनौती है जो सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस कार्यकर्ताओं के दम पर ही संभव हो सकता है।
प्रबंधन में खामियां पड़ेगी भारी
भले ही कांग्रेस की जिला व महानगर इकाई को जनसभा आयोजन के प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों का प्रभाव अधिक रहा। यही वजह कि जनसभा में एमएलसी प्रत्याशी संजीव सिंह की खूब चली। मीडिया दीर्घा में जबरन चहेते कार्यकर्ताओं को बैठाया। अन्य कई मसले पर भी मनमर्जी की। इसको लेकर संगठन के अंदर ही नाराजगी देखने को मिल रही है।