सोनभद्र नरसंहार मामले में प्रियंका गांधी का ट्वीट, दहशत में जी रहे उभ्भा के निवासी
प्रियंका गांधी वाड्रा ने उभ्भा घटनास्थल देखने के बाद दिल्ली पहुंचकर बुधवार को ट्वीट किया और पीडि़तों से हुई बातचीत को सार्वजनिक कीं।
सोनभद्र, जेएनएन। घोरावल कोतवाली क्षेत्र के उभ्भा गांव में भूमि पर कब्जे को लेकर हुए नरसंहार की घटना के 27 दिन बाद मंगलवार को कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने गांव का दौरा किया। वहां पीडि़तों से मिलीं और मृतकों के परिजनों का दुख-दर्द सुना। घटनास्थल देखने के बाद दिल्ली पहुंचकर बुधवार को ट्वीट किया और पीडि़तों से हुई बातचीत को सार्वजनिक कीं। कहा कि गांव में पुलिस चौकी न खुलने से अभी भी यहां के निवासी दहशत में जी रहे हैं।
प्रियंका वाड्रा ने अपने ट्वीटर हैंडल से कुल पांच फोटो के साथ दो ट्वीट किया है। उसमें उन्होंने लिखा है उभ्भा के आदिवासी बहनों, भाइयों से बात करके स्पष्ट हुआ कि उन्हें अपनी जमीन का मालिकाना हक जब तक नहीं मिलेगा तब तक वह असुरक्षित रहेंगे और उन्हें प्रताडि़त किया जाएगा। आरोपित प्रधान द्वारा गांव की महिलाओं और पुरुषों पर दर्ज कराए गए मुकदमे और उन पर प्रशासन द्वारा लगाया गया गुंडा रद्द किया जाना चाहिए। अभी तक गांव में पुलिस चौकी नहीं खुली। उभ्भा के निवासी अभी भी दहशत में जी रहे हैं। इसके पहले उन्होंने मंगलवार को ट्वीट कर बताया था कि वह अपने वादे के मुताबिक उभ्भा के ग्रामीणों से मिलने जा रही हैं। उनके ट्वीट के बाद आदिवासियों के बीच की स्थिति और उनके बीच के माहौल को लेकर चर्चाएं तेज हो गईं। बता दें कि 17 जुलाई को हुए नरसंहार के बाद 19 जुलाई को ही प्रियंका वाड्रा उभ्भा आ रही थीं लेकिन उन्हें धारा 144 लगने के कारण रोक दिया गया था। उस समय चुनार गेस्ट हाउस में उभ्भा गांव से पहुंचीं चार महिलाओं से मिलकर उन्होंने गांव में आने का वादा किया था। जिसे पूरा किया।
डीएम का रिप्लाई
उभ्भा में दौरे के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने जब ट््वीट किया तो इस पर जिलाधिकारी सोनभद्र ने भी अपने अधिकारिक ट्वीटर हैंडल से जवाब दिया है। उन्होंने लिखा है कि उभ्भा गांव के लोगों की सुरक्षा के दृष्टिगत गांव में पीएसी स्थायी रूप से तैनात है।
एसपी ने भी रखी अपनी बात
प्रियंका वाड्रा के ट्वीट के बाद पुलिस अधीक्षक की तरफ से भी अपनी बात रखी गई है। एसपी ने कहा है कि उभ्भा में पुलिस चौकी 30 जुलाई को ही खुल चुकी है। घटना से पहले प्रधान पक्ष द्वारा तीन मुकदमे पीड़ति पक्ष के विरुद्ध लिखवाए गए थे। सभी में अग्रिम विवेचना चल रही है। घटना से पहले पीड़ति पक्ष पर छह के विरुद्ध गुंडा की रिपोर्ट भेजी गई थी, जिसमें तीन पहले समाप्त हो चुकी है और तीन वापस की जा चुकी है। घटना के बाद पीड़ति पक्ष पर न तो कोई मुकदमा दर्ज हुआ है और न ही कोई गुंडा एक्ट की कार्रवाई की गई है। पुलिस की तरफ से पुलिस चौकी स्थापित होने की तस्वीर भी सार्वजनिक की गई है।