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वाराणसी में गंगा में पर्यटन विस्तार को आधार देंगे प्रधानमंत्री, पर्यटकों को आकर्षित करेंगे क्रूज

PM Modi Varanasi Visit 2021 वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण में बंद पड़े पर्यटन उद्योग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संजीवनी देंगे। प्रधानमंत्री गंगा में चलने वाले रो-रो जलयान और पंचकोसी मार्ग का लोकार्पण करेंगे। इन योजनाओं का शुभारंभ होने से पर्यटन को बढ़ावा मिलना तय है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 14 Jul 2021 08:48 AM (IST)Updated: Wed, 14 Jul 2021 03:34 PM (IST)
वाराणसी में गंगा में पर्यटन विस्तार को आधार देंगे प्रधानमंत्री, पर्यटकों को आकर्षित करेंगे क्रूज
वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण में बंद पड़े पर्यटन उद्योग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संजीवनी देंगे।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण में बंद पड़े पर्यटन उद्योग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संजीवनी देंगे। प्रधानमंत्री गंगा में चलने वाले रो-रो, जलयान और पंचकोसी मार्ग का लोकार्पण करेंगे। इन योजनाओं का शुभारंभ होने से पर्यटन को बढ़ावा मिलना तय है। साथ ही पर्यटक गंगा की लहरों में लुफ्त उठाएंगे। गंगा से पर्यटक सीधे श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का भी दर्शन कर सकेंगे। रो-रो और जलयान पीपीपी माडल पर गंगा में संचालित होंगे। इसकी मानीटरिंग पर्यटन विभाग करेगा।

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कारोनो संक्रमण के चलते पर्यटन उद्योग पूरी से बंद हो गया है। होटल, रेस्टोरेंट, ट्रैवेल्स से जुड़े वाहन खड़े हैं। होटल संचालक खर्च तक नहीं निकल पा रहे हैं। वे आधे कर्मचारियों के साथ होटल खोले हैं। रेस्टोरेंट में भी कम भीड़ हो रही है। गंगा के किनारे विदेशियों से फुल रहने वाले होटल, गेस्ट हाउस खाली पड़े हैं। बनारस में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रो-रो (रोल-आन-रोल-आफ पैसेंजर शिप) जहाज डबल एंडेड फेरी सेवा शुरू होगा। भारत सरकार की पहल पर भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने बनारस को दो रो-रो दिया है।

एक रो-रो का नाम विवेकानंद क्रूज और दूसरे का सैम माणिक साव क्रूज है। इसमें 200 पर्यटकों के बैठने की व्यवस्था है। अंदर एक हाल में पांच बेड लगे हुए हैं जो आपातकालीन परिस्थितियों में पर्यटकों को आराम करने के लिए बनाए गए हैं। इसके अलावा वाशरूम और शौचालय की भी सुविधा है। फिलहाल रो-रो का संचालन बनारस से चुनार तक होगा। बाद में इसे प्रयागराज तक संचालित किया जाएगा। इसी प्रकार राजघाट से अस्सी तक एक और जलयान संचालित होगा। इसके लिए राजघाट और अस्सी पर टिकट काउंटर बनने के साथ पर्यटकों के बैठने की व्यवस्था की गई है। पंचकोसी मार्ग और रामेश्वर में विश्राम स्थल बनने से दर्शनार्थियों को काफी सुविधा होगी। यहां भी पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

योजना के जरूरी बिंदु

-गंगा नदी में पर्यटन विकास के लिए दो रो-रो का संचालन-लागत 22 करोड़

-राजघाट से अस्सी तक जलयान का संचालन-लागत 10.72 करोड़

-रामेश्वर में पंचकोस विश्राम स्थल- लागत 8 करोड़

-पंचकोस परिक्रमा मार्ग 33.91 किमी. व चौड़ीकरण- लागत 62.04 करोड़


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