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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिए संगठन में काम करने के सात मंत्र, वाराणसी के भाजपा कार्यकर्ताओं से की चर्चा

सेवा ही संगठन कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर के भाजपा कार्यकर्ताओं को शनिवार को संबोधित किया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 08:40 AM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2020 01:07 PM (IST)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिए संगठन में काम करने के सात मंत्र, वाराणसी के भाजपा कार्यकर्ताओं से की चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिए संगठन में काम करने के सात मंत्र, वाराणसी के भाजपा कार्यकर्ताओं से की चर्चा

वाराणसी, जेएनएन। सेवा ही संगठन कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर के भाजपा कार्यकर्ताओं को शनिवार को संबोधित किया। उन्होंने कार्यक्रम के तहत कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी ली। पीएम ने संगठन में काम करने के सात मंत्र सेवाभाव, संतुलन, संयम, समन्वय, सकारात्मकता, सद्भावना, संवाद का देते हुए कहा कि इस कोरोना की लड़ाई में इसका भरपूर प्रभाव दिखाई दिया है।

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कार्यक्रम को सबसे पहले भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी के कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा लॉकडाउन के दौरान जो प्रवासी श्रमिक अपने स्थान से निकल पड़े उनके लिए हर तरीके की सुविधा देने का काम भी कार्यकर्ताओं ने किया। लॉकडाउन के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने 22 करोड़ फूड पैकेट लोगों तक पहुंचाए। इस संबोधन को काशी क्षेत्र के पदाधिकारियों ने गुलाब बाग स्थित भाजपा क्षेत्रीय कार्यालय एवं महानगर के नीचीबाग स्थित महानगर कार्यालय पर सुना। काशी क्षेत्र के अध्यक्ष महेश चंद्र श्रीवास्तव व संगठन महामंत्री रत्नाकर सीधे जुड़े थे और अन्य लोग फेसबुक लाइव आदि माध्यम से सुन रहे थे। इसमें महानगर अध्यक्ष विद्या सागर राय, जिला अध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा, धर्मेंद्र सिंह, नवरतन राठी, संतोष सोलापुरकर, नवीन कपूर, जगदीश त्रिपाठी, अशोक पटेल, आलोक श्रीवास्तव, मधुकर चित्रांश, ई. अशोक यादव आदि प्रमुख थे।

भगवान बुद्ध का उपदेश आशा व उद्देश्य पर आधारित : पीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भगवान बुद्ध का उपदेश आशा व उद्देश्य पर आधारित है। यह लोगों के आत्मबल को मजबूत करता है। भगवान बुद्ध का आष्टांगिक मार्ग दयालुता व प्रतियोगिता को भी दर्शाता है। मुझे 21वीं सदी में युवा दोस्तों से काफी आशा है। आज के युवा हर तरह समस्या के समाधान में सक्षम हैं।

प्रधानमंत्री आषाढ़ पूर्णिमा से एक दिन पहले शनिवार को महात्मा बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ स्थित मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर में आयोजित धम्म चक्र प्रवर्तन सूत्र पाठ के दौरान देश-दुनिया के बौद्ध अनुयायियों को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए संदेश दे रहे थे। इसका आयोजन संस्कृति मंत्रालय और अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ ने किया। पीएम ने कहा कि आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। इसी दिन भगवान बुद्ध ने सारनाथ के हिरन पार्क के समीप पहला उपदेश दिया था। उनका उपदेश मानवीय मूल्यों व वैज्ञानिकता पर आधारित है। इसे अपनाने से ही देश और समाज का विकास संभव है। तथागत ने लगभग ढाई हजार साल पूर्व ही पुरुषों, महिलाओं व गरीबों के सम्मान की भी बातें कहीं हैं।


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