बेनियाबाग बवाल के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी में प्रस्तावित दो दिवसीय दौरे को लेकर सतर्कता
23 जनवरी को बेनियाबाग में प्रायोजित विरोध-प्रदर्शन के बाद हुए बवाल को लेकर खुफिया तंत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित जनसभा को लेकर अत्यधिक सतर्कता बरत रहा है।
वाराणसी, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में बीते 23 जनवरी को बेनियाबाग में प्रायोजित विरोध-प्रदर्शन के बाद हुए बवाल को लेकर खुफिया तंत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित जनसभा को लेकर अत्यधिक सतर्कता बरत रहा है। प्रधानमंत्री मोदी 15 फरवरी को दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी आ रहे हैं। वाराणसी प्रवास के दौरान पीएम वैदिक विज्ञान केंद्र, चौकाघाट फ्लाइओवर समेत 48 परियोजनाओं का शुभारंभ करने के साथ 18 प्रोजेक्ट का शिलान्यास करेंगे।
खुफिया तंत्र को सूचना है कि वाराणसी में पीएम की जनसभा के दौरान सीएए और एनआरसी को लेकर विरोध-प्रदर्शन करने वालों का एक गुट सभा में खलल डाल सकता है। खुफिया इनपुट के बाद पुलिस प्रशासन ने उन सभी को अपने राडार पर ले लिया है जिनपर पीएम की जनसभा में खलल डालने की आशंका है।
बीएचयू, विद्यापीठ में भी निगरानी बढ़ा दी गई है। पुलिस प्रशासन उन सभी उपद्रवी, अराजक तत्वों की सूची बना रहा है जो पूर्व में सरकारी नीतियों का विरोध करने के साथ ही पीएम के वाराणसी आगमन के दौरान विरोध - प्रदर्शन करने की फिराक में रहते हैं। बेनिया में हुए बवाल में अब तक जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उनके बैंक खातों को भी खंगाला जा रहा है। पुलिस के पास इस बात के सुबूत हैं कि बेनिया में धरने में शामिल होने के लिए कुछ लोगों को रुपये बांटे गए थे। इतना ही नहीं आगामी 30 जनवरी को कच्ची बाग स्थित आजाद पार्क में होने वाले विरोध-प्रदर्शन के लिए भी फंडिंग की जा रही थी। पुलिस पता लगा रही कि सीएए और एनआरसी को लेकर विरोध-प्रदर्शन कराने के लिए कौन लोग फंडिंग कर रहे हैं।
पीएम के वाराणसी आगमन से पूर्व चंदौली के पड़ाव से आइएसआइ एजेंट राशिद की गिरफ्तारी ने भी सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा रखी है। राशिद के संपर्क में आने वाले स्लीपिंग माड्यूल तक सुरक्षा एजेंसियां अभी नहीं पहुंच पाई है। उधर, राशिद के पकड़े जाने के बाद से खुफिया व सुरक्षा एजेंसियों से लेकर पीएमओ तक वाराणसी में होने वाली हर गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं।