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Vindhyavasini मंदिर में टोकन सिस्टम का पुरोहितों ने किया विरोध, सहमति के बाद ही होगा कोई नियम लागू

मीरजापुर में विंध्यवासिनी मंदिर खोले जाने की तारीख श्रीविंध्य पंडा समाज व जिला प्रशासन के बीच अटकी हुई है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 09 Jun 2020 06:50 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jun 2020 11:23 PM (IST)
Vindhyavasini मंदिर में टोकन सिस्टम का पुरोहितों ने किया विरोध, सहमति के बाद ही होगा कोई नियम लागू
Vindhyavasini मंदिर में टोकन सिस्टम का पुरोहितों ने किया विरोध, सहमति के बाद ही होगा कोई नियम लागू

मीरजापुर, जेएनएन। विंध्यवासिनी मंदिर खोले जाने की तारीख श्रीविंध्य पंडा समाज व जिला प्रशासन के बीच अटकी हुई है। अभी तक पंडा समाज का कहना था कि प्रशासन के निर्णय के बाद मंदिर खोला जाएगा और अब प्रशासन का कहना है कि पंडा समाज की ओर कार्ययोजना प्रस्तुत किए जाने के बाद मंदिर खोले जाने पर विचार किया जाएगा लेकिन अभी तक कार्ययोजना की कोई चर्चा ही नहीं है। वहीं मंगलवार को टोकन सिस्टम को लेकर पंडा समाज व तीर्थ पुरोहितों के बीच स्पष्ट रूप से मतभेद देखने को मिला।

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श्रीविंध्य पंडा समाज व जिला प्रशासन के बीच सोमवार को हुई बैठक के दौरान अपर पुलिस अधीक्षक नगर प्रकाश स्वरूप पांडेय ने मंदिर पर दर्शनार्थियों की भीड़ न हो, इसके लिए टोकन सिस्टम लागू करने का सुझाव दिया था। इस पर श्रीविंध्य पंडा समाज ने विचार करने की बात कही थी। अब टोकन सिस्टम लागू करने को लेकर मतभेद उभरकर सामने आने लगा है। तीर्थ पुरोहित टोकन सिस्टम लागू करने को सहमत नहीं हैं। मंगलवार को टोकन सिस्टम का पुरजोर विरोध किया गया। उनका कहना है कि पंडा समाज मंदिर पर कोई भी कार्य या नियम अपनी मर्जी से लागू नहीं कर सकता। आम सभा के दौरान सहमति के बाद ही कोई नियम लागू होता है। इसलिए आम सभा के बाद ही कोई नियम लागू किया जाए। पंडा समाज का कहना है कि टोकन सिस्टम लागू करना पुरोहितों के अधिकारों का हनन है। इसलिए यह नियम लागू नहीं किया जाएगा। रही बात शारीरिक दूरी के नियम की तो गोला बनाकर सरकार के गाइडलाइन के अनुसार दर्शन कराया जाएगा।

मंदिर बंद फिर भी आ रहे श्रद्धालु, झांकी खोलने की मांग

मंदिर बंद होने के बाद भी मां विंध्यवासिनी के दर्शन-पूजन के लिए दर्शनार्थियों का विंध्यधाम आना-जाना शुरू हो गया है। वहीं दर्शनार्थियों का आवागमन शुरू होने पर दुकानदारों ने भी अपनी-अपनी दुकानें खोलनी शुरू कर दी है जिससे रोजी-रोटी चलाया जा सके। दर्शनार्थी मंदिर की सीढ़ी पर ही प्रसाद चढ़ाकर मां विंध्यवासिनी की आराधना कर रहे हैं। दर्शनार्थियों का कहना है कि आठ जून से सभी मंदिर खोल दिए गए तो विंध्यवासिनी मंदिर क्यों नहीं खोला जा रहा है। आखिर ऐसा कबतक चलेगा। दर्शनार्थियों ने पंडा समाज व प्रशासन से झांकी खोले जाने की मांग की।

श्रीविंध्य पंडा समाज के पूर्व मंत्री अवनीश मिश्रा ने कहा कि जब भी विध्यवासिनी मंदिर खोला जाएगा। पंडा, दुकानदार व दर्शनार्थियों की सुविधा को देखते हुए पूर्व की भांति खोला जाएगा। सरकार के गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन किया जाएगा मगर टोकन सिस्टम कत्तई लागू नहीं किया जाएगा। श्रीविंध्य पंडा समाज के नियम के अनुसार पुरोहितों का आवागमन रहेगा। केदार भंडारी के अनुसार टोकन सिस्टम लागू करने को लेकर हम लोग सहमत नहीं है। मंदिर पर करीब बारह से पंद्रह सौ तीर्थ पुरोहित हैं। इसमें से कितने लोग टोकन लेंगे और कितने लोग मंदिर के अंदर जा पाएंगे, यह संभव नहीं है। इसलिए टोकन सिस्टम लागू किया जाना संभव नहीं है। टोकन सिस्टम किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने दिया जाएगा।


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