राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मीरजापुर में संभावित यात्रा 29 को, मां विंध्यवासिनी व देवरहा बाबा के आश्रम पहुंचकर लेंगे आशीर्वाद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 29 नवंबर को विंध्याचल पहुंच सकते हैं। इस दौरान उनके साथ पूर्व सर संघ चालक रज्जू भैया के भी विंध्याचल धाम पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।
मीरजापुर, जेएनएन। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 29 नवंबर को विंध्याचल पहुंच सकते हैं। इस दौरान उनके साथ पूर्व सर संघ चालक रज्जू भैया के भी विंध्याचल धाम पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो राष्ट्रपति यहां पहुंचकर मां विंध्यवासिनी का दर्शन करेंगे। इसके बाद महुआरी स्थित देवरहा बाबा आश्रम पहुंचकर आशीर्वाद लेंगे। जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल ने बताया कि अभी संभावित कार्यक्रम आया है। यह कार्यक्रम अभी फाइनल नहीं हुआ है लेकिन तैयारियां की जा रही हैं।
सोनभद्र में राष्ट्रपति वनवासी समागम में 29 को लेंगे हिस्सा
सोनभद्र : बभनी के चपकी स्थित सेवा कुंज आश्रम में वनवासी गौरव के रूप में आयोजित होने जा रही बिरसा मुंडा जयंती में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शिरकत करेंगे। सेवा समर्पण संस्थान का भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम एक से 30 नवंबर तक पूरे देश में वनवासी गौरव के तहत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है। इसी क्रम में राष्ट्रपति 29 नवंबर को वनवासी समागम कार्यक्रम में पहुंचेंगे।
अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के जिला कार्यसमिति सदस्य आलोक चतुर्वेदी ने बताया कि 29 नवंबर को आयोजित कार्यक्रम में देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी उपस्थिति के लिए सहमति जताई है। उनके निजी सचिव विक्रम सिंह ने पत्र प्रेषित कर दिया है। बताया कि राष्ट्रपति के आगमन को देखते हुए आश्रम के सभी सदस्य कार्यक्रम की सफलता को लेकर पूरे जोश से लग गए हैं। सेवा समर्पण संस्थान के सह संगठन मंत्री आनंद उपाध्याय ने बताया कि राष्ट्रपति आश्रम में बने कुछ भवनों का उद्घाटन कर सकते हैं। बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद प्रारंभ से ही प्रकल्प से जुड़े रहे हैं, और उनकी रुचि भी आदिवासी वन-वनवासियों के उत्थान में शुरू से रही है। श्री उपाध्याय ने बताया कि वनवासी समागम कार्यक्रम में संयोजक विमल सिंह, सह संयोजक रामसकल राज्यसभा सदस्य, सह संयोजक सुर्यदेव के मार्ग दर्शन में प्रकल्प प्रभारी कृष्ण गोपाल को केंद्रीय कार्यालय प्रमुख बनाने के साथ-साथ 18 समितियों का गठन किया गया है। सभी गठित समितियां अपने दायित्वों के अनुसार कार्यक्रम को पूरा करेंगी।