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वाराणसी में नरेंद्र मोदी विश्वविद्यालय खोलने की तैयारी शुरू, पिंडरा तहसील के उंदी गांव में भूमि का चयन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जल्द ही एक और विश्वविद्यालय खुलने जा रहा है। इसके लिए पिंडरा तहसील के उंदी गांव में 190 बीघे भूमि का भी चयन भी किया जा चुका

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 20 Aug 2020 12:37 PM (IST)Updated: Thu, 20 Aug 2020 05:22 PM (IST)
वाराणसी में नरेंद्र मोदी विश्वविद्यालय खोलने की तैयारी शुरू, पिंडरा तहसील के उंदी गांव में भूमि का चयन
वाराणसी में नरेंद्र मोदी विश्वविद्यालय खोलने की तैयारी शुरू, पिंडरा तहसील के उंदी गांव में भूमि का चयन

वाराणसी, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जल्द ही एक और विश्वविद्यालय खुलने जा रहा है। आदर्श नरेंद्र दामोदरदास मोदी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के लिए पिंडरा तहसील के उंदी गांव में 190 बीघे भूमि का भी चयन भी किया जा चुका है। भूमि के आवंटन केे लिए आदर्श नरेंद्र दामोदर दास मोदी जन कल्याणकारी ट्रस्ट ने शासन-प्रशासन से अनुरोध किया है। एेसे में विश्वविद्यालय के भवन निर्माण जल्द ही मंजूरी मिलने की संभावना जताई जा रही है। विश्वविद्यालय के निर्माण का मुख्य उद्देश्य सब पढ़े- आगे बढ़े’ है।

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ट्रस्ट (रविंद्रपुरी) के प्रधान कार्यालय में प्रबंधक अजय पांडेय व सचिव रविंद्र नाथ पांडेय के मुताबिक विश्वविद्यालय की शिक्षा पद्धति में महिलाओं के सर्वांगीण विकास पर आधारित होगी। वहीं विद्यार्थियोें को रोजगार से जोड़ने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रकार विश्वविद्यालय का मुख्य फोकस सामाजिक मूल्यों, महिलाओं में कौशल विकास व आत्मनिर्भर शिक्षा होगा। वहीं बेटी-पढ़ाओ, बेटी बचाओ के तहत छात्राओं की फीस पूरी तरह माफ रहेगी। आर्थिक रूप से कमजोर, असहाय, बेसहारा छात्र छात्राओं को वरीयता के आधार पर दाखिला दिया जाएगा। दाखिले में समाज का आम आदमी आसानी से इससे जुड़ सके। वहीं परिसर में नरेंद्र मोदी की आदमकद मूर्ति विश्वविद्यालय के आकर्षण का केंद्र होगा। विश्वविद्यालय को लेकर ट्रस्ट के ट्रस्टी व सदस्य में रंजना सिंह, शाहबाज खान, सुबोध त्रिपाठी, अभिनव पांडेय, आकांक्षा सिंह, अनिल पासवान, पिंटू सहित अन्य लोग काफी उत्साहित हैं। ट्रस्ट के सदस्यों का कहना है यह विश्वविद्यालय कई मामलों में अन्य विश्वविद्यालयों से अलग होगा। इसका मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप रूप से कमजोर व जरूरतमंद विद्यार्थियोें को शिक्षा के माध्यम से समाज को मुख्य धारा में जोड़ना है। विश्वविद्यालय की स्थापना से जहां सैकड़ों लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा। वहीं पिंडरा क्षेत्र का विकास भी तेजी से होगा।


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