वाराणसी नगर निगम में शामिल 61 ग्राम पंचायतों का बैंक खाता क्लोज, अन्य दस्तावेज भी सौंपने की तैयारी
नगर निगम में शामिल 61 ग्राम पंचायतों का खाता मंगलवार को बंद कर दिया गया है। पहली अक्टूबर से इस खाते से धनराशि की निकासी ग्राम प्रधान व सचिव नहीं कर सकेंगे। डीपीआरओ पंचायत अधिनियम की धारा के तहत निगम को इन गांवों के शामिल होने के बाबत पत्र सौपेंगे।
वाराणसी, जेएनएन। नगर निगम में शामिल 61 ग्राम पंचायतों का खाता मंगलवार को बंद कर दिया गया है। पहली अक्टूबर से इस खाते से धनराशि की निकासी ग्राम प्रधान व सचिव नहीं कर सकेंगे। पंचायतों में ग्राम निधि का खाता (राज्य वित्त आयोग की धनराशि ), स्वच्छ भारत मिशन यानी एसबीएम व एक केंद्रीय वित्त आयोग से जुड़ा खाता संचालित होता है। इसी खाते में सभी प्रकार की धनराशि जमा होती है। दूसरी तरफ नियमों के तहत जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) पंचायत अधिनियम की धारा के तहत निगम को इन गांवों के शामिल होने के बाबत पत्र सौपेंगे। इसके बाद धीरे-धीरे कुटुंब रजिस्टर से लगायत अन्य दस्तावेज निगम के हवाले पंचायतें करेंगी। हाालंकि इस कार्य में एक माह तक का समय लग सकता है।
अधिसूचना जारी होने की वजह से बीएलओ की नहीं हुई तैनाती
जिले के काशी विद्यापीठ ब्लाक के 26, चिरईगांव के 18 व हरहुआ के 17 गांवों के नगर निगम में शामिल होने को लेकर पहले ही अधसिूचना जारी हो चुकी है। इसलिए पहली अक्टूबर से मतदाता सूची के पुनरीक्षण को लेकर इन गांवों में बीएलओ की तैनाती नहीं की गई है। मतदाता सूची से भी इन सभी गांवों को हटा दिया गया है।
दर्जनों पंचायतों को शहर में शामिल न करने को लेकर आई पाती
जिले के तीनों ब्लाकों के दर्जनों गांवों को शहरी सीमा में शामिल न करने को लेकर आमजन संग जनप्रतिनिधियों की ओर से पत्र शासन प्रशानस को भेजा गया है। कुछ पत्र जिला पंचायत राज अधिकारी के कार्यालय में भी आया है। विपक्ष ही नहीं सत्ता दल के लोगों का भी पत्र इसमें शामिल है। कुछ लोगों का कहना है कि शहरी क्षेत्र में शामिल होने के बाद इन गांवों की तस्वीर नहीं बदलेगी बल्क ियह अस्तित्व खो देंगे। अच्छी खासी आबादी सुवधिाओं के लिए तरस जाएगी। हालांकि अब इन शिकायतों का कुछ नहीं होने वाला है, क्योंकि अधिसूचना से पहले इसका मौका दिया गया था।
अधिसूचना के बाद दस्तावेज मंगा लिए गए
शासन की ओर से 61 ग्राम पंचायतों के नगर निगम में शामिल करने की अधिसूचना के बाद दस्तावेज मंगा लिए गए हैं। बैंक को पत्र भेजकर खाता बंद करा दिया गया है। पहली अक्टूबर से पंचायतें कामकाज करना बंद कर देंगी। नियमों के तहत निगम को पत्र भेज दिया जाएगा। इसके बाद दस्तावेज आदि भी समय से उपलब्ध करा दिए जाएंगे।
-शाश्वत आनंद सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी