सेवा मित्र एप के माध्यम से रोजगार सृजन की तैयारी, जौनपुर में हुनरमंद प्रवासियों को रोजगार दिलाने में करेगा मदद
संकट भरे समय के बीच सेवामित्र एप के माध्यम से रोजगार सृजन की तैयारी की गई है। इसमे कुशल व अकुशल दोनों तरह युवाओं को रोजगार दिया जाएगा। एप के माध्यम से युवाओं को नौकरी पाने में आसानी होगी साथ
जौनपुर, जागरण संवाददाता। संकट भरे समय के बीच सेवामित्र एप के माध्यम से रोजगार सृजन की तैयारी की गई है। इसमें कुशल व अकुशल दोनों तरह के युवाओं को रोजगार दिया जाएगा। एप के माध्यम से युवाओं को नौकरी पाने में आसानी होगी, साथ ही भाग-दौड़ की झंझट से भी छुटकारा मिलेगा। अधिक से अधिक बेरोजगारों को नौकरी मुहैया कराने की इस मुहिम में हाेटल इंडस्ट्री, मैरिज हाल संचालक, बस संचालक, स्कूल संचालक समेत अन्य उद्यमियों को भी इससे जोड़ा जाएगा।
इस एप की मदद से कोई भी व्यक्ति बढ़ई, बिजली मिस्त्री, प्लंबर, पेंटर समेत 61 तरह के कामों से जुड़े कामगारों को जरूरत के मुताबिक बुला सकता है। एप में जनपद में क्षेत्रवार कुशल श्रमिकों को ब्यौरा उपलब्ध रहेगा। प्रवासी श्रमिकों या हुनरमंद प्रवासियों को एप पर पंजीकरण कराना होगा। यह प्रक्रिया सेवायोजन कार्यालय में शुरू हो चुकी है। आनलाइन व आफलाइन दोनों ही तरीके से पंजीकरण के लिए आवेदन किया जा सकता है। आनलाइन आवेदन के लिए सेवायोजनडाटयूपीडाटएनआइसीडाटइन पर लागिन करना होगा। कुशल श्रमिकों के आफलाइन आवेदन के लिए पंचायत विभाग व सेवायोजन कार्यालय से पांच पेज का आवेदन फार्म प्रत्येक विकास खंड कार्यालय में उपलब्ध कराएगा।
इन दस्तावेजों की होगी जरूरत
कुशल श्रमिकों को पंजीकरण के लिए निश्शुल्क आवेदन फार्म उपलब्ध कराया जाएगा। दस रुपये के स्टांप पेपर पर शपथ पत्र, थाने से चरित्र प्रमाण पत्र का सत्यापन के साथ समस्त शैक्षिक प्रमाण पत्रों की स्वप्रमाणित छायाप्रति, तकनीकी दक्षता का प्रमाण पत्र आवेदन के साथ लगाना होगा।
आनलाइन पंजीकृत हैं 69 हजार 195 बेरोजगार
सेवायोजन कार्यालय में आनलाइन माध्यम से 69 हजार 195 बेरोजगार पंजीकृत हैं, जिनमें 7 हजार 194 कुशल हैं। शेष अकुशल हैं। यह सभी इंटर, बीए, एमए, बीकाम व बीकाम समेत अन्य ग्रेजुएट हैं, जिन्हें अभी तक रोजगार नहीं मिल सका है।
प्रशिक्षित बेरोजगारों के लिए यह एप मददगार बनेगा
प्रशिक्षित बेरोजगारों के लिए यह एप मददगार बनेगा। सेवा प्रदाता भी सेवायोजनडाटयूपीडाटएनआइसीडाटइन पर पंजीकरण करा सकते हैं। इससे नौकरी देने वाले व पाने वाले दोनों को लाभ मिलेगा।
-राजीव कुमार सिंह, जिला नियोजन अधिकारी।