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नवरात्र व्रत में खास ध्यान रखें गर्भवती महिलाएं, लंबे समय तक नहीं रखें अपने आपको भूखा

नवरात्र की शुरुआत हो गई है और चारों ओर मां की भक्ति का माहौल है। अगर गर्भवती महिला नवरात्र के दौरान व्रत रखना चाहे तो उसे अत्यंत सावधानी बरतने की आवश्यकता है। व्रत के दौरान इसका प्रभाव केवल मां पर ही नहीं अपितु होने वाली संतान पर भी पड़ता है।

By JagranEdited By: Saurabh ChakravartyPublished: Sun, 25 Sep 2022 06:28 PM (IST)Updated: Sun, 25 Sep 2022 06:28 PM (IST)
नवरात्र व्रत में खास ध्यान रखें गर्भवती महिलाएं, लंबे समय तक नहीं रखें अपने आपको भूखा
गर्भवती महिला नवरात्र के दौरान व्रत रखना चाहे तो उसे अत्यंत सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी : नवरात्र की शुरुआत हो गई है और चारों ओर मां की भक्ति का माहौल है। अगर गर्भवती महिला नवरात्र के दौरान व्रत रखना चाहे तो उसे अत्यंत सावधानी बरतने की आवश्यकता है। व्रत के दौरान इसका प्रभाव केवल मां पर ही नहीं अपितु होने वाली संतान पर भी पड़ता है।

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पहली तिमाही में गर्भवती महिला व्रत न रखे तो अच्छा होगा क्योंकि लंबे समय तक भूखा रहने पर जी मिचलाना एवं उल्टी की समस्या हो सकती है। साथ ही तीसरी तिमाही में व्रत के साथ चक्कर आने का खतरा हो सकता है। गर्भवती महिला को यदि कोई अन्य संक्रमण है तो वो व्रत ना रखे। व्रत के दौरान गर्भ में भ्रूण की हलचल पर ध्यान दें तथा कुछ परेशानी होने पर तुरंत डाक्टरी परामर्श लें। पूरी तरह स्वस्थ्य गर्भवती महिला को ही नवरात्र का व्रत रखना चाहिए।

ज्यादा तली भूनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए

चिकित्सा विज्ञान संस्थान, काशी हिंदू विश्वविद्यालय की पूर्व सीनियर रेजिडेंट व स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डा. संध्या यादव बताती हैं कि गर्भावस्था में महिला का शरीर पूरा पोषण चाहता है। ऐसे में उसे संतुलित आहार की आवश्यकता होती है। ज्यादा तली भूनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।

उन्होंने सलाह दी कि व्रत के दौरान गर्भवती महिला को हर दो घंटे में कुछ ना कुछ पौष्टिक चीजें (फल, दूध व सूखे मेवे) का सेवन करना चाहिए। साथ ही अधिक से अधिक पानी व नारियल पानी का सेवन करे। उचित होगा कि व्रत रखने से पूर्व गर्भवती महिला को चिकित्सक की भी सलाह ले लेनी चाहिए।

गर्भवती महिलाओं एवं अन्य रोगियों को चिकित्सकीय सलाह लेते रहना चाहिए

कर्मचारी राज्य बीमा निगम की आहार विशेषज्ञ रितु पुरी बताती हैं कि इस नवारात्र में गर्भवती महिलाओं एवं अन्य रोगियों को चिकित्सकीय सलाह लेते रहना चाहिए। साथ ही डायटिशियन की सहाल पर खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। ताकि उपवास के कारण आप स्वस्थ रह सके। पौषिक खाद्य पदार्थाें का ही सेवन करना चाहिए।


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