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मोदी और ट्रंप की प्रगाढ़ दोस्ती के लिए गंगा से प्रार्थना, नमामि गंगे व गंगोत्री सेवा समिति ने किया आयोजन

डोनाल्ड ट्रंप के भारत आगमन की पूर्व संध्या पर दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती के पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के प्रगाढ़ दोस्ती की कामना की गई।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 11:21 AM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 11:21 AM (IST)
मोदी और ट्रंप की प्रगाढ़ दोस्ती के लिए गंगा से प्रार्थना, नमामि गंगे व गंगोत्री सेवा समिति ने किया आयोजन
मोदी और ट्रंप की प्रगाढ़ दोस्ती के लिए गंगा से प्रार्थना, नमामि गंगे व गंगोत्री सेवा समिति ने किया आयोजन

वाराणसी, जेएनएन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत आगमन की पूर्व संध्या पर दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती के पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के प्रगाढ़ दोस्ती की कामना की गई। नमामि गंगे एवं गंगोत्री सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में तिरंगा, प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के मुखौटे की हाथ मिलाती तस्वीरें लेकर लोग उत्साहित दिखे। साथ ही मां गंगा से यह कामना की गई कि मोदी और ट्रंप की दोस्ती मजबूत हो जिससे भारत निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहे। उपस्थित जनसमूह से कहा कि मोदी और ट्रंप की मजबूत दोस्ती से भारत पर आंख उठा रहे देशों की आंखें नीची होने में मदद मिलेगी। भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक समझौतों होने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। आयोजन में प्रमुख रूप से किशोरी रमण दुबे, शिवम अग्रहरि, शिवदत्त द्विवेदी, दिनेश शंकर दुबे अमेरिकी नागरिक एवं मां गंगा की रोजाना आरती करने वाले अर्चक शामिल रहे।

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नमस्ते इंडिया अमेरिका चुनाव का प्रचार : प्रमोद तिवारी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दौरे पर कई करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं,  जैसे कोई भाग्यविधाता आ रहा हो। अमेरिकी चुनाव-प्रचार या भारतीय मूल के लोगों में सहानुभूति प्राप्त करने के लिए नमस्ते ट्रंप इलेक्शन पैकेज बनता जा रहा है। दिल्ली ना लाकर अहमदाबाद ले जाना समझ से बाहर है।

निजी कार्य से रविवार को बनारस आए प्रमोद तिवारी ने मीडिया कर्मियों से कहा कि जिस तरह की आवभगत हो रही है, वह कुछ ज्यादा है। देश की राजधानी दिल्ली पहले आना चाहिए था। उसके बाद कहीं और ले जाते। अहमदाबाद ले जाने की बात कुछ समझ में नहीं आ रही है। जापान के राष्ट्राध्यक्ष को अहमदाबाद ले गए, वहां झूला झुलाने का प्रकरण बहुत मशहूर हुआ था। देखिए ट्रंप को क्या झूला झुलाते हैं। चुनाव का झूला झुलाते हैं या कुछ और। कहा, ट्रंप दौरे के विरोध को मैं उचित नहीं मानता, सरकार किसी की भी हो, किसी दूसरे देश के राष्ट्राध्यक्ष का विरोध नहीं होना चाहिए।


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