208 वर्ष पुरानी छावनी परिषद में लगे 21 वीरों की गौरव गाथा जानेंगे प्रवासी भारतीय
वाराणसी में आने वाले प्रवासियों को छावनी परिषद क्षेत्र के प्रमुख सड़कों पर देश के 21 रणबांकुरों की दिलेरी को डिस्प्ले बोर्ड के जरिए बताएगा। ये सभी परमवीर चक्र से सम्मानित हैं।
वाराणसी, [कृष्ण बहादुर रावत]। प्रवासी आएंगे तो नि:संदेह बनारस के गंगा घाट, मंदिर व गलियों के बारे में जानकारी लेंगे। उन्हें यह जानकारी मुहैया कराने के लिए जिला प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद है। वहीं सेना प्रशासन ने भी जाबांज भारतीय सैनिकों की वीरगाथा भी प्रवासियों के समक्ष परोसेगा। छावनी परिषद क्षेत्र के प्रमुख सड़कों पर देश के 21 रणबांकुरों की दिलेरी को डिस्प्ले बोर्ड के जरिए बताएगा। ये सभी परमवीर चक्र से सम्मानित हैं।
वर्ष 1811 से वाराणसी में छावनी परिषद कार्यरत है। छावनी परिषद के एक अधिकारी ने बताया कि इस डिस्प्ले बोर्ड लगाने के पीछे का मकसद है कि लोग इन वीर सपूतों के बारे में जानें। जिन्होंने सर्वोच्च बलिदान देकर देश की सीमा की रक्षा की है। पहली बार वर्ष 1947 में मेजर सोमनाथ शर्मा को मरणोपंरात परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था। आखिरी बार कैप्टन विक्रम बत्रा को यह पुरस्कार मरणोपरांत 1999 में मिला था। प्रवासी भारतीय दिवस पर कोने-कोने से आने वाले भारतीय प्रवासी जब छावनी क्षेत्र का भ्रमण करेंगे तो वे भी इनकी वीरता को पढ़ कर रोमांचित अवश्य होंगे।
भारत के सर्वोच्च अलंकरण भारत रत्न के बाद परमवीर चक्र का नंबर आता है। यह पुरस्कार दुश्मनों की मौजूदगी में उच्च कोटि की शूरवीरता व त्याग के लिए प्रदान किया जाता है। 21 परमवीर चक्र पाने वालों में से 14 वीर सपूतों को यह मरणोपरांत मिला है।
इनके लगे है बोर्ड :
मेजर सोमनाथ शर्मा, लांस नायक करम सिंह, सेंकेंड लेफ्टीनेंट राम राघोबा राणे, नायक यदुनाथ सिंह, कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह, कैप्टन गुरबचन सिंह सलारिया, मेजर धनसिंह थापा, सूबेदार जोगेंद्रर सिंह, मेजर शैतान सिंह, कंपनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हमीद, लेफ्टीनेंट कर्नल आर्देशिर तारापोर, लांस नायक अलबर्ट एक्का, फ्लाइंग आफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों, लेफ्टीनेंट अरुण क्षेत्रपाल, मेजर होशियार सिंह, नायब सूबेदार बन्ना सिंह, मेजर रामास्वामी परमेश्वरन, लेफ्टीनेंट मनोज कुमार पांडेय, ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव, राइफलमैन संजय कुमार और कैप्टन विक्रम बत्रा।