प्रवासी दिवस : बनारस के गांव में भी पड़ेंगे प्रवासियों के कदम, जुटा जिला प्रशासन
वाराण्ासी में प्रवासी भारतीय दिवस पर मिट्टी की सुगंध व अपनापन का अहसास महसूस करने के लिए प्रवासी गांव के स्कूल व खेत-खलिहान भी देखने जाएंगे।
वाराणसी, जेएनएन। प्रवासी भारतीय दिवस के मद्देनजर बनारस आ रहे प्रवासियों के कदम हमारे गांवों में भी पड़ेंगे। मिट्टी की सुगंध व अपनापन का अहसास महसूस करने के लिए वे गांव के स्कूल व खेत-खलिहान तक जाएंगे। जिला प्रशासन ने इसकी तैयारी कर ली है। जिला पंचायतों को जिम्मेदारी सौंप दी है।
जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह का कहना है कि प्रवासियों की इच्छा हुई तो गांव भ्रमण के लिए वाल्वो बस से ले जाया जाएगा। जिला प्रशासन की ओर से टेंट सिटी के बेहद नजदीक बसे ऐढ़े गांव के अलावा विश्व पटल पर पहचान रखने वाली लमहीं में भ्रमण के लिए प्रवासियों को ले जाया जाएगा।
खंड विकास अधिकारी श्वेतांक सिंह को गांव की व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए कहा जा चुका है। तैयारी के मुताबिक ऐढ़े गांव में स्कूल का रंग-रोगन पूरा हो चला है। स्कूल में सोलर सिस्टम लगा दिया गया है जिससे पंखा, बत्ती के साथ ही सबमर्सिबल पंप चल रहा है। गांव के अंदर दिन-रात कार्य हो रहा है। जेसीबी मशीनें गरज रही हैं। सड़कों को चौड़ा करने के साथ ही उसे पक्का किया जा रहा है। ग्रामीण बच्चों को प्रवासियों का स्वागत करने के लिए तैयार किया जा रहा है। ग्रामीण भी उत्साहित हैं। विदेश से आने वाले भारतीयों को अपने खेत से निकले साग-सब्जी का व्यंजन बनाकर खिलाने के लिए लालायित हैं। वहीं महान उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद की लमहीं में भी तैयारी है। उनके स्मारक स्थल समेत आसपास की सफाई की जा रही है।