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Ghazipur में 1050 डिग्री पर बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट में डिस्पोज हो रहा पीपीई किट

गाजीपुर में 1050 डिग्री पर बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट में सात जिलों का पीपीई किटडिस्पोज हो रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 07:00 AM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 09:47 AM (IST)
Ghazipur में 1050 डिग्री पर बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट में डिस्पोज हो रहा पीपीई किट
Ghazipur में 1050 डिग्री पर बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट में डिस्पोज हो रहा पीपीई किट

गाजीपुर, जेएनएन। कासिमाबाद तहसील के बॉका गांव के सिवान में स्थापित बायो मेडिकल वेस्ट कॉमन ट्रीटमेंट प्लांट की भूमिका महत्वपूर्ण हो चुकी है। जिला अस्पताल व रेलवे जोनल ट्रेनिंग सेंटर पर स्वैब लेने के दौरान मेडिकल टीम द्वारा इस्तेमाल किए गए पीपीई किट व अन्य चिकित्सकीय वस्तुओं को पीले रंग के 55 माइक्रान पॉलिथिन में रखा जाता है। उसे गाजीपुर सहित सात जनपदों बलिया, मऊ, वाराणसी, अंबेडकर नगर. देवरिया, आजमगढ़ से विशेष वाहनों द्वारा प्लांट पर लाकर 850 से लेकर 1050 डिग्री तापमान पर दो चेंबरों में डिसपोज किया जाता है।

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महामारी के इस विषम परिस्थितियों में चिकित्सकीय क्षेत्र से जुड़े प्रत्येक कर्मचारी अपनी-अपनी भूमिका निभा रहे हैं। ऐसे में अस्पतालों से निकलने वाले मेडिकल बायो वेस्ट कचरे का निस्तारण करने वाली संस्था सिलकॉन वेलफेयर सोसाइटी के कर्मचारी भी दिन रात लगे हुए हैं, जिससे कोविड-19 के संक्रमितों के जांच व उपचार के दौरान प्रयोग में लाए गए किट व अन्य कचरों का निस्तारण हो सके। इसके लिए कार्यदायी संस्था की ओर से जिला अस्पताल, कोविड लेवल वन अस्पतालों व क्वारंटाइन सेंटर पर पीले रंग की पॉलिथिन रखी गई है। इसमें प्रयोग में लाए गए चिकित्सकीय वस्तुओं को डालकर बंद कर दिया जाता है। हाइपोक्लोराइड का छिड़काव करने बाद उसे विशेष वाहन द्वारा प्लांट पर लाया जाता है। जहां प्लांट में बने दो चैम्बरों में 850 डिग्री व 1050 डिग्री पर डिसपोज किया जाता है। इस कार्य में लगे सभी कर्मियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाता है।         

बेहद सावधानी के साथ वाहन द्वारा प्लांट पर लाकर होता है डिसपोज

कोरोना संक्रमितों के जांच व उपचार के लिए दौरान निकलने वाले कचरे को बेहद सावधानी के साथ वाहन द्वारा प्लांट पर लाकर डिसपोज किया जाता है। इस दौरान सुरक्षा के साथ सतर्कता भी बरती जा रही है।

-प्रवीण कुमार राय, प्रोजेक्ट मैनेजर।   


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