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बिजली की मांग 23 हजार मेगावाट के पार, दो दिनों में तीन हजार मेगावाट की हुई वृद्धि

प्रदेश में बिजली की मांग पुन 23 हजार मेगावाट पार कर गई। शुक्रवार रात 11 बजे बिजली की अधिकतम प्रतिबंधित मांग 23128 मेगावाट पहुंच गई।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 08 Aug 2020 08:24 PM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 01:37 AM (IST)
बिजली की मांग 23 हजार मेगावाट के पार, दो दिनों में तीन हजार मेगावाट की हुई वृद्धि
बिजली की मांग 23 हजार मेगावाट के पार, दो दिनों में तीन हजार मेगावाट की हुई वृद्धि

सोनभद्र, जेएनएन। प्रदेश में बिजली की मांग पुन: 23 हजार मेगावाट पार कर गई। शुक्रवार रात 11 बजे बिजली की अधिकतम प्रतिबंधित मांग 23,128 मेगावाट पहुंच गई। इस दौरान उपलब्धता में कमी के कारण 780 मेगावाट की आपात कटौती करनी पड़ी। मांग के सापेक्ष ज्यादा से ज्यादा उपलब्धता बनाये रखने के कारण केंद्रीय पूल से 12131 मेगावाट बिजली आयात की गई। पिछले दो दिनों में बिजली की मांग में तीन हजार मेगावाट के करीब बढ़ोतरी हुई है।

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तापमान में रोजाना हो रहे परिवर्तन की वजह से मांग में अचानक परिवर्तन देखा जा रहा है

तापमान में रोजाना हो रहे परिवर्तन की वजह से मांग में अचानक परिवर्तन देखा जा रहा है। प्रदेश के बड़े हिस्से में मानसून में आयी कमी के कारण मांग में वृद्धि हो रही है। बीते पांच अगस्त को अधिकतम प्रतिबंधित मांग 20,677 मेगावाट तथा छह अगस्त को 20,399 मेगावाट थी। मानसून की यही हालत रही तो उमस के बढऩे पर मांग के 23 हजार मेगावाट से ज्यादा बने रहने की संभावना है। मांग में वृद्धि को देखते हुए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम सहित निजी बिजली घरों की ज्यादातर इकाइयों को चलाया जा रहा है। उत्पादन निगम की इकाइयों से 3423 मेगावाट तथा निजी बिजली घरों से 5654 मेगावाट उत्पादन हो रहा था। उधर जल विद्युत इकाइयों से कुल 292 मेगावाट उत्पादन हो रहा था। रिहंद जलविद्युत घर की चार इकाइयों से 166 मेगावाट, ओबरा की दो इकाइयों से 58 तथा खारा परियोजना की तीन इकाइयों से 68 मेगावाट उत्पादन हो रहा था।

ओबरा का उत्पादन 500 मेगावाट से ज्यादा

ओबरा तापीय परियोजना के ब तापघर की 200 मेगावाट वाली चार इकाइयों से उत्पादन जारी है। ओबरा का उत्पादन 527 मेगावाट था। जिसमे नौवीं इकाई से 124 मेगावाट, 10वीं इकाई से 126, 11वीं से 130 तथा 12वीं इकाई से 147 मेगावाट उत्पादन हो रहा था।


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