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प्रदूषण बोर्ड का छह सरकारी और 142 निजी अस्पतालों को नोटिस, जिला और मंडलीय अस्पताल को भी नोटिस

छह सरकारी 142 गैर सरकारी अस्पतालों व नर्सिंग होम में जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन 2016 का अनुपालन न करने पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 11 Jan 2020 01:39 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jan 2020 01:39 PM (IST)
प्रदूषण बोर्ड का छह सरकारी और 142 निजी अस्पतालों को नोटिस, जिला और मंडलीय अस्पताल को भी नोटिस
प्रदूषण बोर्ड का छह सरकारी और 142 निजी अस्पतालों को नोटिस, जिला और मंडलीय अस्पताल को भी नोटिस

वाराणसी, जेएनएन। छह सरकारी, 142 गैर सरकारी अस्पतालों व नर्सिंग होम में जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन 2016 का अनुपालन न करने पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कालिका सिंह ने शुक्रवार को बताया कि दो सप्ताह के अंदर इन संस्थाओं से उचित जवाब नहीं मिला तो इन पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्यालय के निर्णय के अनुसार जुर्माना लगाया जाएगा। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला चिकित्सालय और शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय चिकित्सालय को भी नोटिस देकर पूछा है कि उनके यहां जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन के तहत कौन-कौन से उपाय किए गए हैं। 100 या इससे अधिक बिस्तर वाले अस्पतालों पर नजर है क्योंकि यहां अधिक अपशिष्ट निकलता है। इसके अलावा पशु चिकित्सालयों पर भी उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी नजर रख रहे हैं। इनमें कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो मनुष्य के साथ पशुओं के लिए भी हानिकारक हैं। 

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अस्पतालों, नर्सिंग होम और पैथोलाजी केंद्रों से पूछा जा रहा कि उन्होंने जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन के लिए क्या-क्या उपाय किया है और इसके लिए किसी संस्था से अनुबंध किया है कि नहीं। अपशिष्ट प्रबंधन का कार्य करने वाली एंजेसियों से भी कहा गया है कि वे अपनी बेवसाइट जल्द से जल्द बनाएं और सभी जानकारी अपलोड करें। वाराणसी, गाजीपुर व प्रयागराज की एक-एक एजेंसी को इसके लिए नामित किया गया है। साथ ही इनसे भी विवरण मांगा गया है। 

वाराणसी में 719 हेल्थ केयर सेंटर 

जनपद में वर्तमान समय में 719  हेल्थ केयर सेंटर कार्यरत है। इनमें 59 सरकारी और 660 निजी हैं। इनमें पैथोलाजी केंद्र भी शामिल हैं।  55 सरकारी हेल्थ केयर सेंटरों एवं 518 निजी हेल्थ केयर सेंटरों में जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन पर कार्य हो रहा है। सभी केंद्रों के पास यह प्रमाण होना चाहिए कि उनके यहां जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन के लिए कौन-कौन से उपाय अपनाए जा रहे हैं। 


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