उपचुनाव : आज रवाना होंगी पोलिंग पार्टियां, सुरक्षा के कड़े इंतजाम, तीन को मतदान, पांच को मतगणना
जिले में दो ग्राम प्रधान पद के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए रविवार को विकास खंड मुख्यालयों से पोलिंग पार्टियां रवाना होंगी।
वाराणसी, जेएनएन। जिले में दो ग्राम प्रधान पद के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए रविवार को विकास खंड मुख्यालयों से पोलिंग पार्टियां रवाना होंगी। इसके लिए पंचस्थानिक कार्यालय ने शनिवार को तैयारियां पूरी कर लीं। इसके लिए विकास खंड मुख्यालय से पोलिंग पार्टियां रवाना होंगी।
सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी पंचस्थानिक आरआर वर्मा ने बताया कि प्रधान पद के त्रिस्तरीय पंचायत उप चुनाव विकास खंड काशी विद्यापीठ के बखरिया और हरहुआ के पुआरी खुर्द ग्राम में होना है। इसके लिए प्राथमिक विद्यालय बखरिया और पुआरी खुर्द पर आगामी तीन फरवरी को मतदान होगा। मतदान के लिए दोनों मतदान स्थलों पर चार-चार बूथ बनाए गए हैं। प्रधान पद गांवों के लिए महत्वपूर्ण होने की वजह से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। दो क्षेत्राधिकारियों के नेतृत्व में प्रत्येक बूथ पर चार-चार पुलिस कर्मी तैनात रहेंगे। जिले में त्रिस्तरीय पंचायत के प्रधान के तीन पद खाली थे। इसमें से पिंडरा ब्लाक के चकरमा गांव में प्रशांत का निर्विरोध निर्वाचन तय है। यहां से एक अन्य प्रत्याशी प्रभावती ने नाम वापस ले लिया था। अब शेष दो स्थान पर मतदान होगा। जिले में बीडीसी के भी दो पद खाली थे लेकिन उनके लिए कोई नामांकन नहीं हुआ।
पुनर्मतगणना में शांति एक वोट से विजयी
विकास खंड चोलापुर के भदंवा गांव के प्रधान पद की पुनर्मतगणना में शांति देवी एक वोट से विजयी हुईं। इस प्रकार वह अपने पद पर बनीं रहेेंगी। त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत के आम चुनाव में करीबी मामला होने की वजह से उपविजेता रहे विवेक ने पुनर्मतगणना की मांग की थी। तब निर्वाचन अधिकारी ने उनकी मांग को खारिज कर दिया था। इसके बाद विवेक न्यायालय की शरण में चले गए। न्यायालय ने पिछले महीने एसडीएम सदर को निर्देश दिया कि वे एक बार फिर सभी पक्षकारों की मौजूदगी में पुनर्मतगणना कराएं। इसी क्रम में शुक्रवार को एसडीएम के न्यायालय में पुनर्मतगणना की गई। पुनर्मतगणना में शांति को 322 और विवेक को 321 वोट मिले। यहां अन्य प्रत्याशियों में राम औतार सिंह को 292, कृष्णा को 46, यतेंद्र कुमार चौबे को 19, विजय सिंह को 219 और हीरालाल को 44 वोट मिले। मतदान में कुल पड़े 1299 मतों में से 29 मत अवैध हो गए थे। इस प्रकार वर्षों से चल रहा विवाद समाप्त हो गया।