चुनावी मूड का परिधान : मल्टीकलर के शार्ट जैकेट, चाइनीज कालर ब्लाउज का क्रेज
अब वह दौर नहीं है जब घर में पुरुष महिलाओं को बताते थे कि उनको किस निशान पर मुहर मारना है। कहना न होगा कि इस फरमाने का अनुपालन मजबूरी हुआ करती थी।
वाराणसी, जेएनएन। अब वह दौर नहीं है जब घर में पुरुष महिलाओं को बताते थे कि उनको किस निशान पर मुहर मारना है। कहना न होगा कि इस फरमाने का अनुपालन मजबूरी हुआ करती थी। आज स्थिति बदल गई है। युवतियां और महिलाएं बढ़-चढ़ कर चुनाव में हिस्सा ले रहीं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) की महिला नेता और कार्यकर्ताओं में इसे लेकर होड़ शुरू हो गई है। यह प्रतिद्वंद्विता वैचारिक प्रतिबद्धताओं से लेकर पहनावे और साज श्रृंगार तक है। सोशल मीडिया पर किसका लुक कैसा हो, ड्रेस ऐसा हो कि वैसा हो। इस पर बाकायदा ध्यान दिया जा रहा है। पूरा जोर इस पर है कि वे किस पोशाक में दिखें कि उनकी स्मार्टनेस का तहलका मच जाए। कैसी रोबीली हो पर्सनालिटी कि लाइक और कमेंट का अंबार लग जाए। फेसबुक से लेकर इंस्ट्राग्राम पर बस फलां ही फलां छाई रहें। हर कोई दे बधाई, हर कोई बस 'क्या खूब' ही कहे।
सालों से महिलाओं के कपड़े डिजाइन करने वाली श्वेता मुखर्जी ने बताया कि युवतियों के लिए कई रंगों वाला शार्ट जैकेट और चाइनीज कालर वाले ब्लाउज डिजाइन किए जा रहे हैं ताकि पसीने के कारण कपड़े चिपकू न हो जाएं। भाजपा के जुड़ी महिलाएं स्मृति ईरानी की साड़ी के कलर को फालो करतीं हैं। उसी रंग में प्लेन कुर्ती की मांग करतीं हैं ताकि उस पर बनारसी ब्रोकेड का इस्तेमाल कर वह सबसे अलग दिखें।
सोशल मीडिया के दौर में सब अलग दिखना चाहते हैं। जब से फिल्म अभिनेत्रियों ने चुनाव में हिस्सा लेना शुरू किया उसके बाद चुनाव सभा को संबोधित करना हो या रोड-शो का, साज श्रृंगार पर ग्लैमर हावी होता गया। स्टाइलिस्टों का एक नया वर्ग तैयार हो गया जो चुनाव लड़ रहीं महिला नेताओं या उनके आस-पास रहने वाली महिलाओं का ड्रेस कैसा हो, मेकअप कैसा हो सब तय करता है।