Move to Jagran APP

राजनीतिक गतिविधि पर प्रतिबंध के बावजूद भाजपाइयों का सर्किट हाउस में कब्जा

सत्ता मिलते ही सुर बदल जाते हैं, भाजपा के जो कार्यकर्ता सपा के समय नियम-कानून की दुहाई देते हुए विरोध-प्रदर्शन करते थे, आज खुद इसी तरह के काम कर रहे हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 07 Jan 2019 08:53 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 09:05 AM (IST)
राजनीतिक गतिविधि पर प्रतिबंध के बावजूद भाजपाइयों का सर्किट हाउस में कब्जा
राजनीतिक गतिविधि पर प्रतिबंध के बावजूद भाजपाइयों का सर्किट हाउस में कब्जा

वाराणसी, जेएनएन। सत्ता मिलते ही सुर बदल जाते हैं। भाजपा के जो कार्यकर्ता सपा के शासनकाल में नियम-कानून की दुहाई देते हुए विरोध-प्रदर्शन करते थे, आज वे खुद इसी तरह के काम कर रहे हैं। भाजपा के कुछ पदाधिकारियों ने आजकल सर्किट हाउस को पार्टी कार्यालय बना रखा है। जब मन करता है, कर्मचारियों को अरदब में लेते हुए सभागार जबरन खोलवाकर घुस जाते हैं और घंटों बैठकें करते हैं। कर्मियों ने सभागार के मुख्यद्वार पर ताला चढ़ा दिया तो रसोई वाले रास्ते से प्रवेश कर जाते हैं। 

loksabha election banner

सर्किट हाउस में सोमवार को भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। भाजपा काशी काशी क्षेत्र व स्थानीय भारतीय जनता युवा मोर्चा से जुड़े पदाधिकारी कर्मचारियों के मना करने के बाद भी सभागार में जबरन घुस गए और दो घंटे से अधिक समय तक बैठक करते रहे। सर्किट हाउस में इन दिनों प्रथम तल पर सभागार बनाने का काम चल रहा है। कर्मचारियों को डर है कि कहीं किसी दिन निर्माण कार्य के दौरान कोई घायल हो गया तो सिर पर एक अलग बवाल आकर गिरेगा। मामला सत्ता पक्ष से जुड़ा होने के कारण कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक भी कार्रवाई करने से बचते हैं। इस मामले में प्रोटोकाल दफ्तर का दावा है कि अनुमति ली जाती है जबकि सर्किट हाउस के कर्मचारियों का कहना है कि इस तरह की राजनीतिक बैठकों की अनुमति के बाबत उन्हें कोई पत्र कभी नहीं मिला। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर सर्किट हाउस की व्यवस्था में कई बदलाव हुए। अब सर्किट हाउस में नानवेज और शराब पर पाबंदी है। सरकारी बिल्डिंग में राजनीतिक दलों की बैठकों पर भी रोक है इसके बावजूद हर दूसरे दिन सर्किट हाउस में बैठकों का आयोजन होता है। 

अक्टूबर 2011 में तब सपा नेता रहे शिवपाल यादव से मिलने पहुंचे सपाइयों ने सर्किट हाउस में जमकर उत्पात मचाया था। सर्किट हाउस में लगे शीशे तोड़ दिए गए थे। कुर्सियां तोड़ दी गई थीं। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने इस मामले में एक्शन लिया था और तभी से राजनीतिक दलों के कार्यक्रमों पर सर्किट हाउस में रोक लगा दी गई थी। 

बोले अधिकारी :  यदि कोई कर्मचारियों पर रौब जमाते हुए सर्किट हाउस में बैठक करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। - अरुण कुमार, एडीएम प्रोटोकाल।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.