जौनपुर में दबिश देने गए सिपाही को परिजनों ने कमरे में किया बन्द, लगाया छेड़खानी का आरोप Jaunpur news
बक्शा थाना क्षेत्र के रावतपुर गांव में सोमवार की भोर में दबिश देने आए एक सिपाही को परिजनों ने कमरे में बंद कर दिया।
जौनपुर, जेएनएन। बक्शा थाना क्षेत्र के रावतपुर गांव में सोमवार की भोर में दबिश देने आए एक सिपाही को परिजनों ने कमरे में बंद कर दिया। आरोप लगाया कि दबिश के नाम पर घर मे जबरन घुसकर सिपाही महिलाओं के साथ छेड़खानी व परिजनों के साथ अभद्रता कर रहे थे। चार घण्टे बाद सीओ सदर नृपेंद्र द्वारा कार्रवाई के आश्वासन पर परिजनों ने कमरे में बंद सिपाही चंचल यादव को रिहा किया। इस दौरान दरवाजे पर पुलिस और परिजनों के बीच नोकझोंक होती रही।
गांव निवासी अमर बहादुर यादव का आरोप है कि मेरी पौत्री जो कि विरभानपुर इंटर कालेज की छात्रा थी। वो विद्यालय जब भी जाती थी बगल गांव का ही एक युवक उसके साथ रास्ते मे आये दिन छेड़खानी करता था। इसी बात को लेकर एक दिन युवक के साथ हाथापाई हो गई। वहीं उनके पुत्र धर्मराज यादव का आरोप है कि बक्शा थाना पर दोनों ही पक्षों द्वारा तहरीर दिया गया लेकिन पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए युवक के पक्ष का मुकदमा दर्ज कर दबिश के नाम पर रात में आकर घर की महिलाओं के साथ छेड़खानी व परिजनों के साथ अभद्र व्यवहार करने लगी। बताया कि शनिवार की रात में दो बजे दबिश के नाम पर भारी संख्या में आकर घर में घुस गए और तांडव करने लगे।
अारोप लगाया कि किसी तरह उस दिन वे वापस गए, सोमवार की भोर में भी चार की संख्या में सिपाही घर पहुंचे और दबिश के नाम पर घर में घुस गए। बताया कि घर में घुसने से मना करने पर सिपाही परिजनों के साथ मारपीट व अभद्रता करने लगे। साथ ही घर में घुसकर महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने लगे। नाराज परिजन एकजुट होकर सिपाहियों को कमरे में बन्द करने लगे। परिजनों का गुस्सा देखकर सिपाही मौके से भागने लगे। लेकिन एक सिपाही चंचल यादव को इस दौरान परिजनों ने कमरे में बंद कर दिया। सिपाही कमरे में बंद है यह खबर लगते ही अमर बहादुर के दरवाजे पर ग्रामीणों की भारी भीड़ एकत्रित हो गई।
लोग मौके पर पुलिस अधीक्षक को बुलाने की मांग करने लगे। सूचना पाकर मौके पर सीओ सदर नृपेंद्र व सिकरारा, लाइन बाजार, सरायख्वाजा सहित कई थानों की फोर्स के साथ मौके पर पहुंचकर कमरे में कैद सिपाही को छुड़ाने का प्रयास करने लगे। परिजन एसपी के आने की मांग को लेकर अड़े रहे। लगभग चार घंटे बाद सीओ द्वारा कार्रवाई के आश्वासन पर परिजन माने और सिपाही को रिहा किया। परिजनों ने तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराने की मांग किया। इस सम्बंध में सीओ सदर नृपेंद्र से बातचीत किया गया तो उन्होंने बताया कि दोषी को बख्शा नही जाएगा। पूरे मामले की जांच कराया जाएगा।