पुलिस की जांच में ट्रक मालिक व पते मिले फर्जी, बड़ागांव थाने में दर्ज है 24 ट्रकों का मामला
परिवहन कार्यालय में पंजीकृत चोरी के 24 ट्रकों की जांच पुलिस ने भी शुरू कर दी है। हालांकि इस मामले की गुत्थी सुलझने की बजाय उलझती जा रही है।
वाराणसी, जेएनएन। परिवहन कार्यालय में पंजीकृत चोरी के 24 ट्रकों की जांच पुलिस ने भी शुरू कर दी है। हालांकि इस मामले की गुत्थी सुलझने की बजाय उलझती जा रही है। कारण कि पंजीकृत ट्रक नहीं मिल रहे हैैं। साथ ही उनके मालिक के नाम और पते भी फर्जी हैैं। ऐसे में पुलिस को समझ में नहीं आ रहा कि वह जांच कहां से शुरू करे। ऐसे में पूछताछ के लिए बुलाने पर निलंबित लिपिक सुरेश चंद्र मालवीय ने कहा, मैं लखनऊ संबद्ध हूं। इस बीच चोरी के ट्रकों का पंजीयन कराने वालों की भी तलाश जारी है।
चोरी के 24 ट्रकों का परिवहन कार्यालय में पंजीयन होने पर सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) सर्वेश सिंह ने बड़ागांव थाने में पिछले साल 30 दिसंबर को तहरीर दी थी। एसएसपी प्रभाकर चौधरी के निर्देश पर पुलिस ने दो जनवरी को मुकदमा दर्ज किया। इस मामले की जांच कर रहे उप निरीक्षक अनिल सिंह के मुताबिक प्राथमिक जांच में ट्रकों का पंजीयन कराने वालों के नाम व पते फर्जी हैैं। निलंबित पंजीयन लिपिक को पूछताछ के लिए बुलाया गया तो उसने लखनऊ में संबद्ध होने की बात कही। पुलिस भी मानती है कि परिवहन कार्यालय के कर्मचारियों की मिलीभगत से चोरी के ट्रकों का पंजीयन कराने वाले गिरोह सक्रिय हैैं।
दो लिपिक और एक अधिकारी ने किया पंजीयन
चोरी के ट्रकों की कंप्यूटर में फीडिंग पंजीयन लिपिक सुरेश चंद्र मालवीय ने किया है। रजिस्ट्रेशन किताब पंजीयन प्रभारी लिपिक ने निकाला है। उस ट्रक का अप्रूवल पंजीयन अधिकारी ने किया है।