वाराणसी हादसे को लेकर सेतु निगम और पुलिस आमने-सामने
राज्य सेतु निगम के एमडी राजन मित्तल ने बुधवार को यातायात पुलिस को भेजे गए पत्र की प्रतियां मीडिया को भी दिखाई।
By Ashish MishraEdited By: Published: Wed, 16 May 2018 09:06 PM (IST)Updated: Wed, 16 May 2018 09:53 PM (IST)
लखनऊ (जेएनएन)। वाराणसी में पुल की बीम गिरने से हुई मौतों के बाद रूट डायवर्जन को लेकर सेतु निगम और पुलिस आमने सामने आ गए हैं। जहां सेतु निगम के एमडी राजन मित्तल का कहना है कि पुल पर बीम तैयार करने के बाद पुलिस को रूट डायवर्जन के लिए कहा गया था, वहीं पुलिस का कहना है कि इसकी जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था की होती है। यदि पुल के नीचे आवागमन बंद होता तो लोगों की जान बच सकती थी।
राजन के अनुसार, पुल पर फरवरी में ही बीम तैयार की गई थी। इसके बाद पुल के नीचे आवागमन नहीं होना चाहिए था। सेतु निगम ने इसके लिए पुलिस को पत्र भी लिखा था कि रूट डायवर्ट किया जाए लेकिन, इसे अनसुना कर दिया गया। निगम ने पुल के नीचे रूट डाइवर्जन के लिए दबाव बनाया तो यातायात पुलिस ने उल्टा परियोजना प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा लिखा दिया। हालांकि उन्होंने जो पत्र दिखाए, उसमें रूट डायवर्जन का कोई नहीं था। दूसरी डीआइजी (कानून व्यवस्था) प्रवीण कुमार त्रिपाठी ने बुधवार को पुलिस ब्रीफिंग में कहा कि इसकी जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था की होती है। गाइडलाइन में भी इसका स्पष्ट उल्लेख है। मामले में मुकदमा दर्ज जांच की जा रही है।
सेतु निगम के प्रबंधक ने कहा कि जांच के बाद ही घटना के मूल कारणों का पता चल सकता है लेकिन ऐसी आशंका है कि संभवत: दो दिन पहले आए आंधी-तूफान में पिलर्स की बियङ्क्षरग इधर-उधर हुई और बीम के गिरने का कारण बनी। इस बीच अधिकारियों ने यदि इसका निरीक्षण किया होता तो उनकी निगाह इस पर पड़ गई होती। निगम ने मुख्य अभियंता के नेतृत्व में चार अभियंताओं की टीम भेजी है, जो हादसे के मूल कारणों का पता लगाएगी।
सेतु निगम ने विशेषज्ञ की मदद मांगी
दुर्घटना की जांच के लिए सेतु निगम ने यहां से जिन चार अभियंताओं की टीम भेजी है, उनमें मुख्य अभियंता वाईके शर्मा, एके श्रीवास्तव, जोगेंद्र सिंह और संदीप गुप्ता शामिल हैं। इसके साथ ही निगम ने पुलों के निर्माण में अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ विनय गुप्ता को भी दिल्ली से बुलाया है। वह गुरुवार को वाराणसी जाकर जांच करेंगे।
अब सभी निर्माणाधीन पुलों की होगी जांच
वाराणसी हादसे से सबक लेकर सेतु निगम ने अब सभी निर्माणाधीन पुलों और फ्लाईओवर की जांच कराने का फैसला किया है। एमडी ने बताया कि अलग-अलग टीमों को निरीक्षण के लिए भेजा जाएगा। वर्तमान में सेतु निगम 183 पुलों का निर्माण करा रहा है। जांच के बाद यदि कहीं लापरवाही पाई गई तो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
राजन के अनुसार, पुल पर फरवरी में ही बीम तैयार की गई थी। इसके बाद पुल के नीचे आवागमन नहीं होना चाहिए था। सेतु निगम ने इसके लिए पुलिस को पत्र भी लिखा था कि रूट डायवर्ट किया जाए लेकिन, इसे अनसुना कर दिया गया। निगम ने पुल के नीचे रूट डाइवर्जन के लिए दबाव बनाया तो यातायात पुलिस ने उल्टा परियोजना प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा लिखा दिया। हालांकि उन्होंने जो पत्र दिखाए, उसमें रूट डायवर्जन का कोई नहीं था। दूसरी डीआइजी (कानून व्यवस्था) प्रवीण कुमार त्रिपाठी ने बुधवार को पुलिस ब्रीफिंग में कहा कि इसकी जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था की होती है। गाइडलाइन में भी इसका स्पष्ट उल्लेख है। मामले में मुकदमा दर्ज जांच की जा रही है।
सेतु निगम के प्रबंधक ने कहा कि जांच के बाद ही घटना के मूल कारणों का पता चल सकता है लेकिन ऐसी आशंका है कि संभवत: दो दिन पहले आए आंधी-तूफान में पिलर्स की बियङ्क्षरग इधर-उधर हुई और बीम के गिरने का कारण बनी। इस बीच अधिकारियों ने यदि इसका निरीक्षण किया होता तो उनकी निगाह इस पर पड़ गई होती। निगम ने मुख्य अभियंता के नेतृत्व में चार अभियंताओं की टीम भेजी है, जो हादसे के मूल कारणों का पता लगाएगी।
सेतु निगम ने विशेषज्ञ की मदद मांगी
दुर्घटना की जांच के लिए सेतु निगम ने यहां से जिन चार अभियंताओं की टीम भेजी है, उनमें मुख्य अभियंता वाईके शर्मा, एके श्रीवास्तव, जोगेंद्र सिंह और संदीप गुप्ता शामिल हैं। इसके साथ ही निगम ने पुलों के निर्माण में अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ विनय गुप्ता को भी दिल्ली से बुलाया है। वह गुरुवार को वाराणसी जाकर जांच करेंगे।
अब सभी निर्माणाधीन पुलों की होगी जांच
वाराणसी हादसे से सबक लेकर सेतु निगम ने अब सभी निर्माणाधीन पुलों और फ्लाईओवर की जांच कराने का फैसला किया है। एमडी ने बताया कि अलग-अलग टीमों को निरीक्षण के लिए भेजा जाएगा। वर्तमान में सेतु निगम 183 पुलों का निर्माण करा रहा है। जांच के बाद यदि कहीं लापरवाही पाई गई तो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
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