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गाजीपुर में पुलिस ने खाना खा रहे बूढ़े-बच्चों को पीटा, सीसीटीवी फुटेज बयां कर रही पुलिस की बर्बरता

कहते हैं कि खाना खाते समय दुश्मन पर भी कोई हाथ नहीं उठाता लेकिन शहर कोतवाली पुलिस का इससे कोई वास्ता नहीं है। उसने खाना खाते समय न सिर्फ घर के बड़े-बूढ़ों को पीटा बल्कि बच्चों तक को नहीं छोड़ा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 07:55 AM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 09:49 AM (IST)
गाजीपुर में पुलिस ने खाना खा रहे बूढ़े-बच्चों को पीटा, सीसीटीवी फुटेज बयां कर रही पुलिस की बर्बरता
गाजीपुर में पुलिस ने खाना खा रहे बूढ़े-बच्चों को पीटा

गाजीपुर, जेएनएन। कहते हैं कि खाना खाते समय दुश्मन पर भी कोई हाथ नहीं उठाता, लेकिन शहर कोतवाली पुलिस का इससे कोई वास्ता नहीं है। उसने खाना खाते समय न सिर्फ घर के बड़े-बूढ़ों को पीटा बल्कि बच्चों तक को नहीं छोड़ा। टेबल को ढकेल दिया, थालियों को फेंक दिया। पूरा मामला सीसीटीवी में कैद होने के बाद भी पुलिस उल्टे पीड़ितों को दोषी बता रही है कि रात 11 बजे लोगों को खाना खिलाया जा रहा था, जबकि यह मामला करीब साढ़े नौ बजे का है और सभी परिवार के लोग थे।

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शहर कोतवाली के ठीक सामने चुन्नू चाय की दुकान है। विदित हो कि यहां सिर्फ चाय, नमकीन आमलेट आदि मिलता है। मंगलवार को नवमी का दिन होने के कारण परिवार के सभी लोगों का यहीं खाना बना था। रात के करीब नौ बजे रजदेपुर चौकी इंचार्ज कार में किसी ने पीछे से टक्कर मार दी। इसके बाद वह कार से उतरे तब तक विशेश्वरगंज चौकी पर तैनात एक सिपाही भी आ गया।

इस दौरान अंदर लाइट जलता देख वह शटर उठाकर अंदर घुसा और लोगों को खाते देखकर खाने वाले टेबल को खींच दिया। इसके बाद एक-एक करके सबको पीटना शुरू कर दिया। पुलिस की बेरहमी यहीं नहीं रुकी एक को उसने हिरासत में लेकर रात भर कोतवाली में भी बैठाए रहा। यह सब वाकया सीसीटीवी में कैद है। आरोप है कि बाहर खड़े रजदेपुर चौकी इंचार्ज यह तमाशा देखते रहे।

कार्रवाई के बजाय सिपाही को सही बता रहे कोतवाल

इतना कुछ होने के बावजूद कोतवाल विमल कुमार मिश्रा अपने सिपाही को बचाने में जुटे हुए हैं। उनका कहना है कि रात के 11 बजे दुकान खोलकर लोगों को खाना खिला रहे थे, जबकि पुलिस करीब साढ़े नाै बजे पहुंची थी। सीसीटीवी में समय भी दिखा रहा है। इतना ही नहीं चुन्नू की चाय की दुकान है कोई होटल नहीं जो वह लोगों को खाना खिलाएगा। हकीकत भी यह है कि परिवार के लोग खाना खा रहे थे। अब ऐसे पुलिस से कोई क्या न्याय की उम्मीद कर सकता है।


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