पीएनजी गैस पाइप लाइन के नाम पर चलना कर दिया मुश्किल
वाराणसी : ऊर्जा गंगा परियोजना के तहत नगर में हो रहे कार्य को लेकर कार्यदायी संस्था की ओ
वाराणसी : ऊर्जा गंगा परियोजना के तहत नगर में हो रहे कार्य को लेकर कार्यदायी संस्था की ओर से मनमानी की जा रही है। पीएनजी गैस लाइन डालने के नाम पर पूरा शहर खोद डाला गया है। शर्तो के अनुसार कार्य का मानक अंतरराष्ट्रीय होना चाहिए लेकिन मापदंड देशी अपनाए जा रहे हैं। न तो प्रदूषण का ध्यान दिया जा रहा और न ही शहर के यातायात व्यवस्था की चिंता।
सड़कों की खोदाई के बाद मिट्टी के ढूहे जहां-तहां छोड़ दिए गए हैं। इससे राहगीर रोजाना गिरकर घायल हो रहे हैं। गर्मी में शुष्क मिट्टी धूल बनकर हवा में उड़ रही है, वाहनों के धुएं संग मिलकर लोगों के फेफड़े को प्रभावित कर रही है। गड्ढे इस कदर परेशानी के सबब बने हैं कि कुछ स्थानों पर मार्ग तक परिवर्तित कर दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी परियोजना होने के बावजूद इस तरह की लापरवाही उनके ही संसदीय क्षेत्र में बरती जा रही है। इस बाबत कहीं कोई जवाबदेही नहीं है। जिम्मेदार विभाग यानी नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, हाईवे अथारिटी आदि के अफसर भी निगरानी नहीं कर रहे हैं। गेल कंपनी के अधिकारियों का दावा है कि सिटी गैस पाइप लाइन डालने का काम कोई भी कंपनी इंटरनेशनल मानकों पर करती है, जबकि धरातल पर हकीकत देखी जाए तो कार्यदायी संस्था शहरी परिक्षेत्र में सिटी गैस के लिए जहां कहीं भी काम कर रही है। मिट्टी के ढूहों को जैसे-तैसे सड़क पर छोड़ दे रही हैं। कंपनी के अधिकारियों को इसकी तनिक भी चिंता नहीं है कि मार्ग लोगों के चलने के लिए है।
सामनेघाट-गड़वा घाट मार्ग बाधित
सामनेघाट से गड़वा घाट मार्ग को बीच से ही बंद कर दिया है। ऐसे में छित्तूपुर गांव से होकर लंका तक वाहन आ-जा रहे हैं। इस कारण छित्तूपुर गांव में जमकर जाम लग रहा है। इस मार्ग पर हालात बद से बदतर हो गए हैं।
मरी माई मंदिर के पास लगता जाम
गेल की ओर से मरी माई मंदिर के पास सड़क के दोनों तरफ गैस पाइप लाइन डालने के लिए खोदाई की गई है। ट्रैफिक पुलिस के लाख प्रयासों के बाद भी वहां के जाम की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है। पुलिस का कहना है कि गैस पाइप लाइन की कार्यदायी संस्था ने बेतरतीब खोदाई की है।
बीएचयू तक पहुंच गई गैस, नहीं पाटे गए गड्ढे
गेल इंडिया ने सिटी की टेस्टिंग तो कर ली है, लेकिन अभी तक कई गड्ढे पाटे नहीं गए हैं। हैरत की बात यह है कि इन्हीं गड्ढों में गैस कनेक्शन के लिए मशीनें भी लगाई गई हैं। रात के समय इन गड्ढों की सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। अगर किसी शरारती तत्व ने गैस पाइप से कोई छेड़छाड़ कर दी तो किसी को भनक भी नहीं लगेगी।