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पर्यावरण संरक्षण के खास मिशन के बीच मान महल जा सकते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

पर्यावरण संरक्षण के खास मिशन पर अपने संसदीय क्षेत्र आ रहे पीएम मोदी गंगा किनारे मान महल में संपूर्ण बनारस को महसूसने भी जा सकते हैं।

By Edited By: Published: Fri, 05 Jul 2019 02:22 AM (IST)Updated: Fri, 05 Jul 2019 09:53 AM (IST)
पर्यावरण संरक्षण के खास मिशन के बीच मान महल जा सकते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
पर्यावरण संरक्षण के खास मिशन के बीच मान महल जा सकते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

वाराणसी, जेएनएन। पर्यावरण संरक्षण के खास मिशन पर अपने संसदीय क्षेत्र आ रहे पीएम मोदी गंगा किनारे मान महल में संपूर्ण बनारस को महसूसने भी जा सकते हैं। वे पर्यावरण दिवस के दूसरे दिन छह जुलाई को इस शहर में एक बार फिर आनंद कानन स्वरूप को साकार करने के उद्देश्य से आ रहे हैं। प्रशासनिक अमले की हलचल और तैयारियां संकेत दे रही हैं कि इस खास मौके पर प्रधानमंत्री ज्ञान-विज्ञान के समावेश से बने देश के अनूठे आभासी संग्रहालय का अवलोकन भी करने जाएंगे।

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कण-कण में मूर्त और अमूर्त धरोहरों को बसाए शहर बनारस को एक छत के नीचे देखने-समझने व पूरे अंदाज में महसूसने के लिहाज से पीएम के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद नई दिल्ली ने इसी साल आकार दिया। इस पर दस करोड़ रुपये की लागत से दुनिया के प्राचीन शहर के मन मिजाज, खानपान, धार्मिकता और रईसी शान को डिजिटली उतार दिया। इसमें गंगा की मौज, कला- संस्कृति, धार्मिक विधान, पूजन- अनुष्ठान, पर्व-उत्सव, तीज-त्योहार, साहित्यसेवी- कलाकार, रहन-सहन, खानपान, अंदाज -मिजाज या यह भी कह सकते हैं समूचे बनारस को एक छत के नीचे एकाकार किया।

इसमें वर्चुअल रियल्टी टेक्नोलॉजी के उपयोग से प्रोजेक्टर, एलईडी, वीडियो क्लिप समेत श्रव्य दृश्य माध्यमों के जरिए काशी के पवित्र घाट, शास्त्रीय संगीत, साड़ी बुनाई, रामलीला, स्मारक, पान की दुकान आदि का भी रोचक अंदाज में थ्रीडी प्रदर्शन किया गया है। इसका उद्घाटन पीएम ने फरवरी में जरूर कर दिया लेकिन वह यहां आए तो मान महल में उनका प्रथम आगमन होगा। खास यह भी कि आभासी संग्रहालय पहले नई दिल्ली में बनाया जाना था लेकिन इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पीएम के संसदीय क्षेत्र में लांच किया गया। योजना के तहत इसकी सफलता के बाद पर्यटकों की आवक वाले दूसरे शहरों में इसे बनाया जाना है।


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