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काशी की बुनकारी ने पीएम को किया आकर्षित, जानिए अनोखे दुपट्टे की खासियत Varanasi news

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र काशी में आए तो म‍कसद काशी में पर्यावरण संरक्षण था मगर इस आयोजन में कुछ खास वह भी था जिसपर सभी की नजरें टिक गईं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 06 Jul 2019 11:57 AM (IST)Updated: Sat, 06 Jul 2019 03:46 PM (IST)
काशी की बुनकारी ने पीएम को किया आकर्षित, जानिए अनोखे दुपट्टे की खासियत Varanasi news
काशी की बुनकारी ने पीएम को किया आकर्षित, जानिए अनोखे दुपट्टे की खासियत Varanasi news

वाराणसी, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र काशी में आए तो म‍कसद काशी में पर्यावरण संरक्षण था मगर इस आयोजन में कुछ खास वह भी था जिसपर सभी की नजरें टिक गईं। जी हां, इस मौके पर पीएम को बनारसी जरदोजी कला का वह नायाब नमूना भेंट किया गया, जो पूरी तरह पीएम के पर्यावरण संरक्षण पर आधारित अभियान को समर्पित रहा। इस सफेद दुपट्टे पर दो बरगद के वृक्ष को बुनकारी के माध्‍यम से उकेरा गया जो काफी आकर्षक दिखा। पीएम ने भी इस अनोखे दुपट्टे के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के कार्य में प्रतिभाग किया। 

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शिल्पियों की पांच दिन की मेहनत

काशी प्राचीन काल से ही अपनी विशेष बुनकारी के जाना जाता है। देश-विेदेश में यहां की नायाब बुनकारी का जलवा आज भी कायम है। एक जिला एक उत्‍पाद में शामिल काशी के उत्‍पाद बनारसी साड़ी में यह विशेष बुनकारी कला सदियों से चार चांद लगाती आई है। वाराणसी में चांदपुर, लोहता की रुखसार, तहमीना सहित अन्य शिल्पियों ने पांच दिन मेहनत कर इस अनोखे रेशमी दुपट्टे पर धागों की मदद से शाखाएं, पत्तियां और जड़ों को उकेरते हुए मुकम्मल वृक्ष की सूरत बनाई है। हृयूमन वेलफेयर एसोसिएशन के निदेशक पद़मश्री डा. रजनीकांत ने बताया कि शिल्पी पीएम के 'सबका साथ-सबका विकास' फलसफे से प्रभावित हैं। इसलिए उन्होंने कारीगरी के माध्यम से राष्ट्रव्यापी अभियान का समर्थन करने वाला तोहफा प्रधानमंत्री को भेंट करने के लिए तैयार किया। 

कन्या पाठशाला के परिसर में पौधरोपण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अनोखे पर्यावरण को समर्पित रेशमी दुपट्टे को धारण कर हरहुआ के कन्या पाठशाला के परिसर में पौधरोपण किया। यहां पर काशी का आनंद कानन स्वरूप पुनर्जीवित करने के लिए मोदी नवग्रह वाटिका में पौधरोपण किया। जिस स्थान पर पीपल का पौधा पीएम द्वारा रोपा गया वहां पर अनोखी सिंचाई की व्यवस्था की गई। पौधे के समीप ही एक घड़ा भी जमीन के अंदर तक रखा गया है जिसके नीचे छेद है। इसी छेद से घड़े में रखा पानी पौधे की सिंचाई करेगा। इस तकनीकी से पौधा की सिंचाई में जितना पानी लगता है उसके सापेक्ष 90 फीसद पानी बचेगा। वन विभाग ने ग्रह शांति के नौ पौधे क्रमश: पलाश, अपामार्ग, दूब, मदार, खैर, शमी, गूलर, कुश व पीपल को प्रांगण में रोपा है। 

अंदर पढ़ें : वाराणसी में पीएम का दौरा : आभासी दुनिया में भी चाराें ओर नमो- नमो का शोर


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