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प्रधानमंत्री बोले, भारत के बड़े एक्‍सपोर्ट हब के रूप में विकसित होगी काशी, बनारस ने संकट का डटकर मुकाबला किया

PM नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को बनारस में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए लॉकडाउन के दौरान बेहतर कार्य करने वाले अन्न सेवियों से संवाद किया और उनके कार्यों की सराहना की।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 11:17 AM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 02:40 AM (IST)
प्रधानमंत्री बोले, भारत के बड़े एक्‍सपोर्ट हब के रूप में विकसित होगी काशी, बनारस ने संकट का डटकर मुकाबला किया
प्रधानमंत्री बोले, भारत के बड़े एक्‍सपोर्ट हब के रूप में विकसित होगी काशी, बनारस ने संकट का डटकर मुकाबला किया

वाराणसी, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र बनारस में अन्न सेवियों से संवाद किया। प्रधानमंत्री बनारसी अंदाज में नजर आए। उन्‍होंने सबसे पहले यही बोला- हर-हर महादेव !! काशी के पुण्य धरती के आप सब पुण्यात्मा लोगन के प्रणाम हौ...। इसके बाद उन्‍होंने सहयोग और मानव सेवा का अद्भुत नजीर प्रस्तुत करने वाली विभिन्न संस्थाओं संग संवाद किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये भगवान भाेले शंकर का ही आशीर्वाद है कि कोरोना के इस संकट काल में भी हमारी काशी उम्मीद और उत्साह से भरी हुई है। ये सही है कि लोग बाबा विश्वनाथ धाम नहीं जा पा रहे। यह भी सही है कि मानस मंदिर, दुर्गाकुंड, संकटमोचन में सावन का मेला नहीं लग पा रहा है। लेकिन यह भी सही है कि इस अभूतपूर्व संकट के समय में हमारी काशी ने डटकर मुकाबला किया है।

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लॉकडाउन के दौरान किए गए कार्यों की प्रधानमंत्री ने की सराहना, इनसे किया संवाद

वीडिया कांफ्रेंसिंग के दौरान वाराणसी के गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट के गंगाधर उपाध्याय, एचडीएफसी बैंक वाराणसी के सर्किल हेड मनीष टंडन, राष्ट्रीय रोटी बैंक की अध्यक्ष पूनम सिंह और सेंट्रल सिंधी पंचायत के पूर्व महामंत्री समाजसेवी सुरेंद्र लालवानी तथा बुनकर व सामाजिक कार्यकर्ता हाजी अनवर से सीधे संवाद किया और अनुभव को साझा किया। इसके अलावा उन्‍होंने अखिल भारतीय केशरवानी वैश्‍य युवक सभा के प्रतिनि‍धि संदीप केसरी से भी संवाद किया और लॉकडाउन के दौरान किए गए कार्यों की सराहना की।

सेवा करने वाला सेवा का फल नहीं मांगता, वह दूसरों की निस्‍वार्थ सेवा करता है

प्रधानमंत्री ने कहा कि सेवा करने वाला सेवा का फल नहीं मांगता। वह दूसरों की निस्‍वार्थ सेवा करता है। पुरानी मान्यता है कि एक समय महादेव ने खुद मां अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी, तभी से काशी पर ये विशेष आशीर्वाद रहा है कि यहां कोई भूखा नहीं सोएगा। मां अन्नपूर्णा और बाबा विश्वनाथ सबके खाने का इंतज़ाम कर देंगे। कहा कि सभी के लिए, तमाम संगठनों के लिए यह बहुत सौभाग्य की बात है कि इस बार गरीबों की सेवा का माध्यम भगवान ने हमें बनाया। एक तरह से आप सभी मां अन्नपूर्णा और बाबा विश्वनाथ के दूत बनकर हर ज़रूरतमंद तक पहुंचे। कम समय में फूड हेल्पलाइन और कम्यूनिटी किचन का व्यापक नेटवर्क तैयार करना, हेल्पलाइन विकसित करना, डेटा साइंस की मदद लेना, वाराणसी स्मार्ट सिटी के कंट्रोल एंड कमांड सेंटर का भरपूर इस्तेमाल करना, यानि हर स्तर पर सभी ने गरीबों की मदद के लिए पूरी क्षमता से काम किया। कहा कि मैं बचपन में सुना करता था एक सोनार घर में काम किया करते थे। वे अस्पताल में मरीज के तीमारदारों को रोज सुबह दातुन बांटते थे। इस सेवा ने उनकी विश्वसनीयता बहुत बढ़ा दी थी। जो सेवा लेता है, वह भी आगे किसी की मदद करता है।

80 करोड़ से ज्‍यादा लोगों को फ्री में राशन दिया जा रहा, काशीवासी भी हो रहे लाभान्‍वित

पीएम ने कहा कि संक्रमण को रोकने के लिए कौन क्या कदम उठा रहा है, अस्पतालों की स्थिति क्या है, कहां क्या व्यवस्थाएं की जा रही हैं, क्वारंटाइन को लेकर क्या हो रहा है, बाहर से आए श्रमिक साथियों के लिए क्या प्रबंध हो रहे हैं, ये सारी जानकारियां मुझे मिल रही थीं। पीएम ने कहा कि मुझे बताया गया है कि जब जिला प्रशासन के पास भोजन बांटने के लिए अपनी गाड़ियां कम पड़ गईं तो डाक विभाग ने खाली पड़ी अपनी पोस्टल वैन इस काम में लगा दीं। सोचिए, सरकारों की, प्रशासन की छवि तो यही रही है कि पहले हर काम को मना किया जाता है। लेकिन संकट की घड़ी में कंधे से कंधा मिलाकर काम किया। कहा कि 80 करोड़ से ज्‍यादा लोगों को फ्री में राशन दिया जा रहा है। इसमें बनारस के गरीब लोग भी शामिल है जो लाभान्वित हो रहे हैं। कहा कि इस योजना को 30 नवंबर तक बढ़ा दिया गया है। कहा कि किसी गरीब को भोजन को दिक्‍कत नहीं होनी चाहिए। यहां तक कि खाना पकाने के लिए र्इंधन की दिक्‍कत न हो इसलिए उज्‍जवला योजना के तहत लोगों को फ्री में गैस उपलब्‍ध कराया जा रहा है। कहा कि बनारस में नाव चलाने वाले हो या बुनकर हो सबका ख्याल रखा जा रहा है।

गंगा आरती के लिए ऑडियो-वीडियो और स्‍क्रीन लगाने का काम तथा दशाश्‍वमेध घाट का सुंदरीकरण जल्‍द

कहा कि बनारस के विकास कार्योंं को लेकर वहां के विधायकों और प्रशासनिक अधिकारियों से लंबा विचार विमर्श किया और बाबा विश्‍वनाथ कॉरिडोर को लेकर भी जानकारियां हासिल की। कहा कि काशी में लगभग 8 हजार करोड़ के प्रोजेक्‍ट पर अलग अलग काम चल रहा है। कहा कि जब स्थितियां सामान्‍य होगी तो काशी में पुरानी रौनक लौट आएगी। गंगा आरती के लिए ऑडियो वीडियो स्‍क्रीन लगाने का काम, दशाश्‍वमेध घाट का सुंदरीकरण जल्‍द होगी। कहा कि काशी को एक नए केंद्र के रूप में देखना चाहते हैं। कहा कि काशी को भारत के बड़े एक्‍सपोर्ट हब के रूप में विकसित किया जाएगा। कहा कि सरकार के हाल के फैसलों के बाद बनारस की साड़ियां, यहां के दूसरे हस्तशिल्प के लिए, यहां के डेयरी, मत्स्य पालन और मधुमखी पालन के व्यवसाय के लिए नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे। उन्‍होंने किसानों से, युवा साथियों से भी आग्रह किया कि इस प्रकार के व्यवसाय में बढ़चढ़ कर भागीदारी सुनिश्चित करें। कहा कि जनधन खाते में हजारों करोड़ रुपए जमा कराना हो या फिर गरीबों के, श्रमिकों के रोजगार की चिंता,छोटे उद्योगों को, रेहड़ी-ठेला लगाने वालों को, आसान ऋण उपलब्ध कराना हो या खेती, पशुपालन, मछलीपालन और दूसरे कामों के लिए ऐतिहासिक फैसले, सरकार ने लगातार काम किया है।

वाराणसी में अन्नपूर्णेश्वरी के दूत जिन्‍होंने लोगों तक पहुंचाया भाेजन

  • गायत्री परिवार ने दिखाया सेवा का संस्कार और सरोकार

गंगाधर उपाध्याय गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट वाराणसी के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी हैं। लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों की अन्नसेवा के लिए संस्था की ओर से पांच भोजनालय संचालित किए गए। तीन भोजनालय के पैकेट जिला प्रशासन को दिए जाते रहे। दो अन्य भोजनालयों से बीएचयू ट्रामा सेंटर व कैंसर हास्पिटल में मरीजों व तीमारदारों को भोजन कराया गया। संस्था ने 260 जरूरतमंद परिवारों को गोद भी लिया था। लॉकडाउन के दौरान 51 दिन लगातार 32 हजार राशन किट बांटी गई। 

  • बैैंक के साथ मनीष टंडन का पूरा परिवार रहा सेवा में समर्पित

मनीष टंडन एचडीएफसी बैंक वाराणसी के सर्किल हेड हैं। उनकी पत्नी तृप्ति टंडन ने घर में खाना बनाकर बांटा तो बच्चे ने गुल्लक की राशि डीएम को भेंट की। बैंक की ओर से मनीष टंडन ने अपनी टीम के साथ नौ हजार खाद्य पैकेट, 1500 राशन किट, 500 सैनिटाइजर, तीन हजार मास्क बांटे। जिला अस्पताल को दो व बीएचयू अस्पताल को एक वेंटिलेटर भेंट किया। स्वास्थ्यकर्मियों को 200 पीपीई किट दिए और हॉटस्पॉट में मोबाइल एटीएम लगाई।

  • पूनम सिंह के हाथों घर-घर पहुंची रोटी 

पूनम सिंह राष्ट्रीय रोटी बैंक की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैैं। उनकी संस्था घरों-होटलों और रेस्टोरेंट के साथ ही वैवाहिक समारोह में बचे खाने को जरूरतमंदों के बीच वितरित करती है। लॉकडाउन के दौरान संस्था ने अन्न बचाओ-हर पेट तक पहुंचाओ अभियान के तहत घरों में संपर्क किया। अधिक मात्रा में खाना बनवाकर जरूरतमंदों में वितरित किया। मास्क और सैनिटाइजर भी बांटे।

  • सिंधी पंचायत ने 67 दिन में बांटे डेढ़ लाख फूड पैकेट

समाजसेवी सुरेंद्र लालवानी सेंट्रल सिंधी पंचायत के पूर्व महामंत्री हैैं। ईंट भट्ठा व्यवसाय के साथ ही समाजसेवा कार्य में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। लॉकडाउन के दौरान सिंधी समाज के सहयोग से 67 दिन में 1.50 लाख फूड पैकेट बंटवाए। इसमें 500 से अधिक जरूरतमंद परिवारों को राशन किट उपलब्ध कराया। पुलिस व सफाईकर्मियों को मास्क व सैनिटाइजर का वितरण किया। सिंधी समाज की विधवा महिलाओं को राशन किट बांटे।

  • हाजी अनवर ने रोजाना बांटे हजारों पैकेट खाद्यान्न

बुनकर व सामाजिक कार्यकर्ता हाजी अनवर ने लॉकडाउन के दौरान समाज के सरदार महतो एवं साड़ी व्यापारियों के सहयोग से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र व मलिन बस्तियों के जरूरतमंद परिवारों में प्रतिदिन हजारों पैकेट खाद्य सामग्री का वितरण किया। कोरोना महामारी से लडऩे के लिए सैनिटाइजर व मास्क भी वितरित किया। पूरे लॉकडाउन के दौरान समाजसेवा का उनका  क्रम प्रतिदिन जारी रहा।


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