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खेतों की उर्वरा शक्ति कम करने वाले पॉलीथिन व थर्मोकोल गांव में भी प्रतिबंधित Varanasi news

पॉलीथिन व थर्मोकोल नगर के सीवर सिस्टम को ध्वस्त करने के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों की उर्वरा शक्ति कम कर रहे हैं।

By Edited By: Published: Sat, 29 Jun 2019 01:58 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jun 2019 10:27 AM (IST)
खेतों की उर्वरा शक्ति कम करने वाले पॉलीथिन व थर्मोकोल गांव में भी प्रतिबंधित Varanasi news
खेतों की उर्वरा शक्ति कम करने वाले पॉलीथिन व थर्मोकोल गांव में भी प्रतिबंधित Varanasi news

वाराणसी, जेएनएन। पॉलीथिन व थर्मोकोल नगर के सीवर सिस्टम को ध्वस्त करने के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों की उर्वरा शक्ति कम कर रहे हैं। इतना ही नहीं पॉलीथिन से पटी भूमि में वाटर रिचार्ज की क्षमता भी समाप्त हो रही है। इसे गंभीरता से लेते हुए गावों में भी पॉलीथिन व थर्मोकोल प्रतिबंधित किया गया है। इसे ग्राम पंचायतों को सख्ती से लागू करने के लिए कहा गया है। निर्देश दिया गया कि जो भी इसे न माने उस पर भारी जुर्माना लगाएं।

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स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन, जल संरक्षण एवं ग्रामीण विकास आदि विषय पर बड़ालालपुर स्थित टीएफसी में शुक्रवार को ग्रामप्रधानों की कार्यशाला आयोजित की गई। जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने ग्रामप्रधानों को विकास की महत्वपूर्ण कड़ी बताया। कहा कि उनकी मदद से जमीनी स्तर पर आमूलचूल परिवर्तन लाया जा सकता है। प्रधानों को उत्साहित करते हुए कहा कि टीम भावना व नेक नियति से कार्य करें। गावों में बहुत काम हुआ जिसे पूरी दुनिया महसूस कर रही है। उन्होंने सवाल किया कि शौचालयों के लिए लाभार्थी, पैसा, सामान, राजमिस्त्री सभी उपलब्ध हैं, फिर विलंब का क्या औचित्य है। कहा कि बन चुके शौचालयों का प्रयोग नहीं करने वालों को नोटिस दें, फिर लागत की रिकवरी कराएं।

हर ग्राम पंचायत एक माह में अपना ऑफिस बना ले। वहीं काम करें व रिकॉर्ड सुरक्षित रखें। एसडीएम अपने तहसील में सर्वाधिक अवैध कब्जे वाले पांच गाव चिह्नित कर जमीन तत्काल खाली कराएं। गांव में सड़क किनारे नाली अवश्य बनवाएं। पट चुके तालाब व पोखरे खोदवाकर पानी भरने योग्य बनवाएं। चारागाह की जमीन पर सामाजिक सहयोग से निराश्रित पशुओं के आश्रय स्थल व हर हैंडपंप के पास सोख्ता गढ्डा बनवाया जाए।

पानी बर्बाद करने वालों पर करें कार्रवाई : जिलाधिकारी ने प्रधानों से कहा कि इस वर्ष प्रधानमंत्री के जल संरक्षण की सोच को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा जाए। बरसात में 'गाव का पानी गाव में' की परिकल्पना के साथ तालाबों, कुओं, चेक डैम व छोटी-छोटी वाटर बॉडीज में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम विकसित किए जाएं। गाव में पानी की बर्बादी रोकने के लिए भी नियम बनाकर कार्यवाई करें। ये लोग रहे मौजूद : कार्यशाला में सीडीओ गौराग राठी, परियोजना प्रबंधक, जिला पंचायत राज अधिकारी, डीडीओ, भूमि विकास एवं जल संसाधन अधिकारी वीके सिंह आदि।


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