रेल दुर्घटना से पहले पायलट हो जाएंगे अलर्ट, कैंट स्टेशन हेड क्वार्टर को मिले 200 फॉग सेफ डिवाइस
कोहरे के मौसम में शून्य दृश्यता के दौरान पांच सौ मीटर पहले ही घटना की जानकारी मिल जाएगी। खास तरह के फॉग सेफ डिवाइस (एफएसडी) के जरिए इसकी निगरानी उपग्रह से होगी।
वाराणसी, जेएनएन। कोहरे के मौसम में शून्य दृश्यता के दौरान पांच सौ मीटर पहले ही घटना की जानकारी मिल जाएगी। खास तरह के फॉग सेफ डिवाइस (एफएसडी) के जरिए इसकी निगरानी उपग्रह से होगी। लखनऊ मंडल के कैंट स्टेशन से गुजरने वाली मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों को इस आधुनिक उपकरण से लैस करने के लिए 200 फॉग सेफ डिवाइस जारी किए गए हैं। जिसे ड्यूटी पर जाने वाले लोको पायलट को दिया जाएगा।
कैंट स्टेशन से रोजाना 169 ट्रेनें गुजरती हैं। डिवाइस के टूल किट में जीपीएस एंटीना और चार्जर भी शामिल है। यह डिवाइस एक बार चार्ज होकर 12 घंटे तक चलेगा। जीपीएस तकनीक पर आधारित फॉग सेफ डिवाइस कोहरे के मौसम में सिग्नल, स्टेशन व चेतावनी बोर्ड की सूचना लोको पायलट को एक गाइड की तरह देता है।
ऐसे करता है काम
जीपीएस आधारित एफएसडी एंटीना के माध्यम से लोको को उपग्रह से जोड़ता है। मैप से ट्रेन मार्ग को रीड कर उपग्रह अवरोध की दूरी का संकेत लोको पायलट को भेजता है। लोको पायलट को पांच सौ मीटर पहले ही मार्ग में बाधक तत्व या फिर किसी प्रकार के अनहोनी की जानकारी मिल जाएगी। इसके अलावा डिवाइस ट्रेन की गति, समय और मार्ग को भी दर्शाता है।
इस बारे में कैंट स्टेशन के निदेशक आनंद मोहन सिंह ने कहा कि कोहरे के मौसम को देखते हुए लखनऊ मंडल को 430 एफएसडी जारी किए गए हैं। इसके तहत कैंट स्टेशन को 200 डिवाइस मिले हैं। यह डिवाइस रेल हादसे को रोकने के लिए उपयोगी साबित होगा।
मेल और एक्सप्रेस की रफ्तार बढ़ाने को हरी झंडी
यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर लखनऊ मंडल ने मेल और एक्सप्रेस की रफ्तार बढ़ाने का निर्णय लिया है। पहले रेल प्रशासन मालगाड़ी को पास कराने की प्राथमिकता देता था। इसके चलते लखनऊ मंडल के अंतर्गत कैंट स्टेशन के रेलवे सेक्शन से गुजरने वाली लंबी दूरी की ट्रेनें लेट होने लगी। लिहाजा, बदलाव करते हुए वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक ने पुन: निर्णय में बदलाव करने का आदेश दिया है।