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नगर के पार्कों को संवारने के लिए सफाई संग लोगों ने बनारस शहर को सुंदर बनाने का लिया संकल्प

नगर के पार्को को संवारने के लिए दैनिक जागरण और सृजन सामाजिक विकास न्यास संस्था की ओर से चलाए जा रहे अभियान को भरपूर समर्थन मिल रहा है।

By Edited By: Published: Sat, 23 Nov 2019 02:31 AM (IST)Updated: Sat, 23 Nov 2019 08:01 AM (IST)
नगर के पार्कों को संवारने के लिए सफाई संग लोगों ने बनारस शहर को सुंदर बनाने का लिया संकल्प
नगर के पार्कों को संवारने के लिए सफाई संग लोगों ने बनारस शहर को सुंदर बनाने का लिया संकल्प

वाराणसी, जेएनएन। नगर के पार्को को संवारने के लिए दैनिक जागरण और सृजन सामाजिक विकास न्यास संस्था की ओर से चलाए जा रहे अभियान को भरपूर समर्थन मिल रहा है। लोग घरों से निकलकर पार्क में श्रमदान कर रहे हैं और कूड़ा कचरा को साफ करने में सहयोग कर रहे हैं। शुक्रवार को नगवा के शिवपुरी पार्क को संवारने में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सुबह दस बजे से ही लोगों का पार्क में आना शुरू हो गया। गायत्री शक्ति पीठ के रमाकांत पाठक के नेतृत्व में एक दर्जन से अधिक लोगों ने श्रमदान किया। कालोनी के अन्य लोगों ने भी इसमें साथ दिया। कोई झाड़ू लगा रहा था तो कोई घास-फूस को हटाने में लगा था।

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बड़े-बड़े पेड़ों के उगने से सफाई में कफी दिक्कत हो रही थी। नगर निगम के कर्मचारियों और स्वयंसेवकों की मदद से शुक्रवार को 60 गड्ढे खोदे गए। अभी और इतने गढ्डे खोदे जाने शेष है। सृजन संस्था के सदस्य और क्षेत्रीय पार्षद डा. रवींद्र सिंह भी दिनभर लोगों के साथ श्रमदान में लगे रहे। उन्होंने लोगों को संकल्प दिलाया कि वे पार्क को साफ सुथरा रखेंगे। इस मौके पर संजय तोमर, गगन सरीन, प्रदीप मिश्रा, दीपक जायसवाल, विशाल पाण्डेय, सीबी सिंह, आशा पाण्डेय, डॉ. तेज बहादुर सिंह, जनार्दन सिंह और राजेंद्र पटेल आदि उपस्थित रहे।

पौधा लगाने से बड़ी जिम्मेदारी इसे बचाने की है। हमारा ध्यान इस पर होगा कि लगाए गए पौधे अधिक से अधिक सुरक्षित रहे। कृपाशंकर सिंह

सार्वजनिक चीजों को लोग सरकार की चीज समझते हैं इसलिए उसके रख-रखाव पर ध्यान नहीं देते। इस अभियान ने हमारी जिम्मेदारी का एहसास कराया है। रमाकांत पाठक

इस अभियान की जितनी प्रशंसा की जाए, कम है। इससे हमे पेड़-पौधों से जुड़ने का मौका मिला है। इनसे लगाव बढ़ेगा तो इसका संरक्षण भी होगा। कृष्ण मुरारी पाण्डेय

इस अभियान ने प्रकृति और पर्यावरण से लोगों को जोड़ने का काम किया है। लोग अब जागरुक हो रहे हैं और दूसरे को भी जागरुक कर रहे हैं। संदीप चतुर्वेदी

पेड़ लगाना एक पुनीत कार्य है। इसका प्रचलन बहुत पहले से है। आधुनिकता की दौड़ में लोग ये सब चीजें भूल गए हैं। इसे याद दिलाना जरूरी हो गया था। कंचन सिंह

दोनों संस्थाओं ने लोगों को जागरुक करने का काम किया है। इससे लोगों में पेड़ों के प्रति लगाव भी बढ़ा है। यह अच्छी बात है। कमलेश कुमार खन्ना


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