आरोपितों को फांसी की सजा मिलने के बाद निर्भया के गांव में लोगों ने कहा - 'देर से सही मगर इंसाफ मिला'
दोषियों के डेथ वारंट पर सुनवाई शाम तक पूरी होने के बाद फैसला आया तो परिजनों ने अदालत के फैसले पर संतोष जाहिर किया।
बलिया, जेएनएन। वर्ष 2012 में नई दिल्ली में बलिया की बेटी संग दुष्कर्म मामले में मंगलवार को शाम 4.30 के करीब बजे आए फैसले में डेथ वारंट जारी होने के बाद निर्भया के गांव में लोगों ने फैसले को लेकर खुशी जाहिर की। गांव में सुबह से ही दुष्कर्मियों को सजा दिलाने को लेकर चर्चा होती रही। हर किसी की नजर दिल्ली से आने वाले संदेश पर लगी रही। वहीं गांव में निर्भया के परिजनों में भी फैसले को लेकर आठ साल से इंसाफ का इंतजार था। इससे पूर्व दोषियों के डेथ वारंट पर सुनवाई शाम तक पूरी होने के बाद फैसला आया तो परिजनों ने अदालत के फैसले पर संतोष जाहिर किया। गांव के लोगों को उम्मीद है कि अब जल्द ही आरोपितों को फांसी के फंदे पर चढ़ा कर बहादुर बिटिया के साथ कानून इंसाफ करेगा।
नई दिल्ली में मुनिरका के पास 16 दिसंबर 2012 की रात में निर्भया के साथ चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। बाद में इलाज के दौरान पीडिता ने दम तोड़ दिया था। इसके बाद देश भर में निर्भया को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन चला तो दिल्ली पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए आरोपितों को हिरासत में लिया। वहीं जेल में एक आरोपित नाबालिग निकला और एक अन्य ने जेल में ही फांसी लगाकर जान दे दी थी। अब अदालत ने आरोपितों को 22 जनवरी 2020 को सुबह सात बजे फांसी तय की है। हालांकि अदालत ने कहा है कि दोषी 14 दिनों के भीतर अपने कानूनी उपायों का उपयोग कर सकते हैं।