बच्चों को कई बीमारियों से बचाने वाराणसी आई पीसीवी की 2.20 लाख वैक्सीन, नियमित टीकाकरण हो जाएगा शुरू
पांच साल व इससे छोटे बच्चों की मृत्यु का मुख्य कारण निमोनिया होता है। इसके मद्देनजर जिले में दो लाख 20 हजार पीसीवी ( न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन) की डोज आ गई है। कोरोना टीकाकरण के चलते इसकी आपूर्ति में दिक्कत आ रही थी।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : पांच साल व इससे छोटे बच्चों की मृत्यु का मुख्य कारण निमोनिया होता है। इसके मद्देनजर जिले में दो लाख 20 हजार पीसीवी ( न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन) की डोज आ गई है। कोरोना टीकाकरण के चलते इसकी आपूर्ति में दिक्कत आ रही थी। स्वास्थ्य विभाग ने इसे फिर नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल कर लिया है।
सोमवार से इसे सीएचसी-पीएचसी समेत समस्त चिकित्सा इकाइयों पर लगाया जाने लगेगा। सीएमओ डा. संदीप चौधरी ने बताया कि पीसीवी की व्यवस्था दुरुस्त कर ली गई है। जल्द ही एक लाख से अधिक डोज और आने वाली है। इससे निरंतरता बनी रहेगी। यह टीका एक साथ कई बीमारियों से बचाता है। कोविड-19 के साथ निमोनिया, सेप्टीसीमिया व दिमागी बुखार हो जाने पर यह और भी जानलेवा हो जाता है। ऐसे में यह वैक्सीन अब नियमित टीकाकरण में शामिल कर लिया गया है।
न्यूमोकोकल वैक्सीन बच्चों को निमोनिया, सेफ्टीसीमिया व दिमागी बुखार आदि बीमारियों से बचाएगा। वास्तव में न्यूमोकोकल जीवाणु कान व पारानेजल साइनस में सूजन कर देता है। इससे बच्चों में बहरापन, सिर दर्द व बार-बार सर्दी-खांसी होती रहती है। इससे बचाव के लिए बच्चों को पहला डोज छह सप्ताह, दूसरा 14 सप्ताह एवं बूस्टर डोज 9-12 माह में दी जाती है।
वाराणसी में अब तक डेंगू के मिले 74 केस
जिले में अब तक डेंगू के 74 केस मिले चुके है। रविवार को भी दो नए केस सामने आए। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की ओर से सफाई व लार्वारोधी रसायन छिड़काव किया जा रहा है। जिला मलेरिया अधिकारी डा. शरद चंद्र पांडेय ने बताया कि पिंडरा और छित्तूपुर में दो अक्टूबर को दो नए केस सामने आए हैं। वहां पर जांच के दौरान 20 सैंपल लिए गए थे। वहीं प्राइवेट और सरकारी अस्पताल को लेकर 15 रैपिड किट में डेंगू के मरीज मिले है। जम जमाव वाले जगहों पर पानी को खाली कराया गया। साथ ही फागिंग और छिड़काव का काम किया जा रहा है।