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बीएड से अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं का मार्ग प्रशस्त, स्नातक व स्नातकोत्तर अंतिम खंड की परीक्षा सितंबर में

सूबे में संयुक्त बीएड परीक्षा को मॉक टेस्ट के रूप देखा जा रहा था। विश्वविद्यालयों में प्रवेश परीक्षाओं व स्नातक व स्नातकोत्तर अंतिम खंड की परीक्षा टाइम टेबल बीएड पर टिका हुआ था।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 10 Aug 2020 06:20 AM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2020 05:21 PM (IST)
बीएड से अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं का मार्ग प्रशस्त, स्नातक व स्नातकोत्तर अंतिम खंड की परीक्षा सितंबर में
बीएड से अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं का मार्ग प्रशस्त, स्नातक व स्नातकोत्तर अंतिम खंड की परीक्षा सितंबर में

वाराणसी, जेएनएन। सूबे में संयुक्त बीएड परीक्षा को मॉक टेस्ट के रूप देखा जा रहा था। विश्वविद्यालयों में प्रवेश परीक्षाओं व स्नातक व स्नातकोत्तर अंतिम खंड की परीक्षा टाइम टेबल बीएड पर टिका हुआ था। बीएड की परीक्षा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं का मार्ग प्रशस्त होने के रूप में देखा जा रहा है।

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कोविड-19 के प्रकोप के चलते सीबीएसई, सीआइएससीई को अवशेष परीक्षाओं का टाइम टेबल रद करना पड़ा। अभिभावकों के विरोध के चलते परीक्षार्थियों को अवशेष पेपरों में औसत अंक दिया गया। वहीं जेईई, नीट अन्य अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं भी स्थगित करनी पड़ी। इसे देखते हुए विश्वविद्यालय व महाविद्यालय स्नातक व स्नातकोत्तर की प्रवेश परीक्षाओं की तिथि अब तक नहीं जारी किए थे। वहीं स्नातक व स्नातकोत्तर अंतिम खंड की परीक्षा कराने की तैयारी भी काफी सुस्त गति से चल रही थी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय सहित अन्य विश्वविद्यालयों की निगाहें बीएड प्रवेश परीक्षा पर टिकी हुई थी। कुछ अध्यापकों ने बीएड प्रवेश परीक्षा का विरोध जरूर किया लेकिन बाद भी विरोध करने वाले शिक्षकों ने भी परीक्षा ड्यूटी की। ऐसे में अब विद्यापीठ भी सितंबर के द्वितीय सप्ताह में स्नातक व स्नातकोत्तर की परीक्षा कराने के मूड में हैं। सितंबर में प्रवेश परीक्षाएं भी कराने की योजना बनाई जा रही है।

बीएड प्रवेश परीक्षा केंद्रों के अंदर व बाहर का दृश्य जुदा-जुदा

कोविड-19 के साये में राज्यस्तरीय स्तरीय संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा रविवार को दो पालियों में हुई। परीक्षा केंद्रों के भीतर जहां कोरोना महामारी का व्यापक असर दिखा। परीक्षार्थी मास्क लगाकर परीक्षा देने पहुंचे थे। थर्मल स्कैनिंग व हाथ सैनिटाइज कराने के बाद ही परीक्षार्थी को कक्ष में बैठने की अनुमति दी जा रही है। मानक के अनुरूप परीक्षार्थियों को दूर-दूर बैठाया गया था। वहीं केंद्र के बाहर शारीरिक मानक की धज्जियां उड़ती हुई दिखाई दी। अभ्यर्थियों के साथ आए अभिभावकों की भीड़ गेट डटी रही। परीक्षा आयोजक संस्था लखनऊ विश्वविद्यालय ने जनपद में 39600 अभ्यार्थियों के लिए दो नोडल केंद्र बनाया था। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ नोडल केंद्र को 64 व बीएचयू नोडल केंंद्र से 45 केंद्रों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस प्रकार जनपद में 109 केंद्र बनाए गए थे। सभी केंद्रों पर सकुशल परीक्षा सपन्न होने का दावा किया गया है। परीक्षा में करीब 80 फीसद परीक्षार्थी उपस्थित रहें। विभिन्न केंद्रों पर करीब 20 फीसद अभ्यर्थी गैरहाजिर रहे। 


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