वीआइपी स्टेशन पर परेशान होते आम यात्री, जमीन पर ही बैठे दिखाई देते हैं रेलयात्री
पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के कारण काशी अपने आप में ही वीआइपी शहर है। बावजूद इसके यात्री इधर उधर भटकने को मजबूर हैं।
वाराणसी, जेएनएन। पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के कारण काशी अपने आप में ही वीआइपी शहर है। इसी तरह कैंट स्टेशन भी प्रदेश के वीआइपी स्टेशनों में से एक है। आम यात्रियों के लिए प्लेटफार्म के आसपास ट्रेनों का इंतजार करने के लिए समुचित व्यवस्था नहीं है। इसके चलते स्टेशन के प्रवेश हॉल व सर्कुलेटिंग एरिया में लोग जमीन पर बैठे दिखाई देते हैं। इस कारण यहां शायद आम यात्रियों के लिए प्लेटफार्म के आसपास ट्रेनों का इंतजार करने के लिए समुचित व्यवस्था नहीं है।
इसके चलते स्टेशन के प्रवेश हॉल व सर्कुलेटिंग एरिया में लोग जमीन पर बैठे दिखाई देते हैं। स्टेशन पर प्लेटफार्म संख्या एक के ऊपर दो वेटिंग रूम तो हैं लेकिन यात्रियों की संख्या के आगे ये नाकाफी साबित होते हैं। वैसे तो सर्कुलेटिंग एरिया में नया यात्री आश्रय हॉल बनाया गया है लेकिन प्लेटफार्म से कुछ दूरी की वजह से लोग प्लेटफार्म के आसपास ही रहना पसंद करते हैं। नए यात्री आश्रय हॉल में ट्रेनों की जानकारी, पूछताछ और टिकट काउंटर न होना भी बड़ी वजह है। नए भवन में लगा कूलर भी गर्मी के इन दिनों में काम नहीं कर रहा है। प्लेटफार्म नंबर एक के ऊपर एक एसी और एक स्लीपर वेटिंग हॉल तो है लेकिन 50 की क्षमता वाले हॉल में हमेशा संख्या से ज्यादा यात्री मिलते हैं। यह दुर्भाय है कि आम यात्रियों के लिए प्लेटफार्म के आसपास ट्रेनों का इंतजार करने के लिए समुचित व्यवस्था नहीं है। इसके चलते स्टेशन के प्रवेश हॉल व सर्कुलेटिंग एरिया में लोग जमीन पर बैठे दिखाई देते हैं।
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