परम धर्म संसद के दूसरे दिन पहले सत्र में राम मंदिर निर्माण पर काशी में मंथन हुआ
वाराणसी स्थित सीर गोवर्धन में चल रहे परम धर्म संसद दूसरे दिन अयोध्या से भोर में लगभग 15 गाड़ियों के काफिले में जनमेजय शरण महाराज भी सीर गोवर्धन पहुंचे।
वाराणसी, जेएनएन । सीर गोवर्धन में चल रहे परम धर्म संसद के दूसरे दिन पहले सत्र में राम मंदिर निर्माण पर धर्म सांसदों के बीच मंथन हुआ। वहीं आयोजन के दूसरे दिन परम धर्म संसद में अयोध्या से भोर में 15 गाड़ियों के काफिले में जनमेजय शरण महाराज भी सीर गोवर्धन पहुंचे। हालांकि जनमेजय महाराज को रविवार को ही आना था लेकिन प्रशासन ने अयोध्या सीमा पर रोक लिया था लिहाजा वह एक दिन की देरी से काशी के आोजन में पहुंच सके। धर्म संसद में शामिल होने के लिए अब अयोध्या के आयोजन के बाद से लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो चुका है। दिन भर की गतिविधियों को लेकर भी काशी अब अयोध्या के बाद धार्मिक गतिविधियों का केंद्र बना नजर आ रहा है।
परमधर्मादेश बनेंगे प्रस्ताव : परम धर्म संसद में चर्चा के लिए आम जनों से वेबसाइट, वाट्सएप या पत्र के जरिए जुटाए गए मुद्दों पर विचार विमर्श कर प्रस्तावों को पारित करने का क्रम तो पहले ही दिन शुरू हो गया लेकिन परम धर्माधीश शंकराचार्य परख-निरख के बाद इन पर अंतिम दिन मुहर लगाएंगे। इसके साथ ही सभी प्रस्ताव परम धर्मादेश बन जाएंगे। इन्हें आडियो-वीडियो व मुद्रित रूप में प्रकाशित करने के साथ ही केंद्र व प्रदेश सरकार को भी भेजा जाएगा।
खींचा जा रहा धर्म संसद का खाका : वास्तव में धर्म संसद का खाका भी मूल संसद की तर्ज पर ही खींचा गया है। इसके लिए संसदीय क्षेत्र वार देश भर से सनातन धर्म को जीने व समस्याओं का अनुभव करने वाले 543 धर्मांसद बनाए गए हैं। इस पहली कड़ी से उपर सनातनधर्म के 281 संतों, नेताओं, विद्वानों और धार्मिक संस्थाओं के 184 प्रतिनिधियों को स्थान दिया गया है। सदन में बहुमत से पारित प्रस्ताव विशेषज्ञ सदन में चर्चा की व्यवस्था की गई है। दोनों सदनों से पारित निर्णय शंकराचार्य के सानिध्य में आठ सदस्यीय समिति में जाएगा जिस पर परमधर्मादेश जारी होगा। सदन की पूरी कार्रवाई संसद की तरह चलाने के लिए ही उत्तर प्रदेश विस में ढाई दशक की सेवा दे चुके राजेंद्र पांडेय के नेतृत्व में 18 सदस्यीय समिति लगाई गई है।
सरकार पर आरोप : परम धर्म संसद में आने वाले संतों को रोके जाने का स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने आरोप लगाया। कहा अयोध्या में जनमेजय महाराज के वाहनों का काफिला रोक लिया गया। मध्य प्रदेश से आ रहे संतों को भी बैठा लिया गया। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने भी इसका जिक्र किया।
भजनों से गूंजी संत रविदास की स्थली : सीर गोवर्धनपुर आम तौर पर संत रविदास की जयंती पर ही गुलजार होता रहा है लेकिन परम धर्म संसद के कारण गांव में खूब चहल-पहल रही। सुबह से लेकर शाम तक जयघोष और भजन-गीत भी गूंजते रहे। इससे पूर्व रविवार की सायंकाल गंगा आरती के मंत्र गूंजे तो डा. विजय कपूर ने 'यह धर्म संसद है, यह धर्म संसद है...', 'शंकर तेरी जटा से बहती है गंगधार ...' जैसे भजनों को स्वर दिए। गायन में खुशबू रोहित, तबले पर सुमंत चौधरी, साइड रिद्म पर संजय श्रीवास्तव, बैंजो पर लक्ष्मण ने साथ दिया।
प्रदर्शनी से बता रहे गाय-गंगा का महत्व : परम धर्म संसद में गाय-गंगा पर मंथन के साथ ही दोनों बिंदुओं पर प्रदर्शनी लगा कर भी इनके प्रति लोगों को जागरूक किया गया।