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Panchayat Elections in Chandauli : 10 हजार मतपत्र में मुहर की जगह अंगूठे के निशान, मतदाताओं में जागरूकता का अभाव

चंदौली की सभी ग्राम पंचायतों लगभग 10 हजार मतपत्र रद करने पड़े। इससे कई जीतने वाले प्रत्याशियों को पराजय का मुंह देखना पड़ा। वहीं कई स्थानों पर लड़ाई रोचक हो गई और जीत-हार का अंतर भी घटकर चंद वोटों का रह गया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 04:49 PM (IST)Updated: Fri, 14 May 2021 09:32 AM (IST)
Panchayat Elections in Chandauli : 10 हजार मतपत्र में मुहर की जगह अंगूठे के निशान, मतदाताओं में जागरूकता का अभाव
चंदौली की सभी ग्राम पंचायतों लगभग 10 हजार मतपत्र रद करने पड़े।

चंदौली, जेएनएन। पंचायत चुनावों के दौरान मतदाताओं को जागरूक करने पर जोर नहीं दिया जाता। इसका परिणाम हर बार चुनाव में देखने को मिलता है। इस बार मतगणना के दौरान तमाम बैलेट पेपर ऐसे निकले, जिन पर मुहर की जगह अंगूठे के निशान लगे थे। ऐसे में वोट रद करना पड़ा। जिले की सभी ग्राम पंचायतों लगभग 10 हजार मतपत्र रद करने पड़े। इससे कई जीतने वाले प्रत्याशियों को पराजय का मुंह देखना पड़ा। वहीं कई स्थानों पर लड़ाई रोचक हो गई और जीत-हार का अंतर भी घटकर चंद वोटों का रह गया।

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यदि लोकसभा व विधानसभा चुनाव की तर्ज पर पंचायत चुनाव में भी मतदाताओं को मतदान से पूर्व जागरूक किया जाए, तो ऐसी स्थिति नहीं देखने को मिलेगी।जिले की 734 ग्राम पंचायतों में प्रधान, बीडीसी, ग्राम पंचायत व जिला पंचायत सदस्य पद की मतगणना में लगभग पांच हजार से अधिक मतपत्र रद करने पड़े। इसके पीछे कारण रहा कि मतदाताओं ने सिंबल पर मुहर लगाने की बजाए अंगूठा निशान लगाया था। कई ग्राम पंचायतों में तो 40-40 रद कर दिए गए। जिले की शायद ही कोई ग्राम पंचायत होगी, जहां शत-प्रतिशत मतदाताओं का मत वैध रहा हो। इसके चलते कई प्रत्याशियों के हार-जीत का आंकड़ा ही बदल गया। वहीं मतदान कार्मिकों को भी रद बैलेट पेपर को सुरक्षित रखने की कवायद करनी पड़ी। दरअसल, पंचायत चुनावों में गांवों के कम पढ़े-लिखे मतदाता वोट देते हैं। उन्हें मतदान की प्रक्रिया के बारे में बहुत स्पष्ट जानकारी नहीं होती है।

प्रत्याशियों के साथ ही प्रशासनिक अमला भी इसको लेकर कभी जागरूक नहीं करता। इसकी वजह से मुहर लगाने की बजाए अंगूठा निशान लगाकर चल देते हैं। मतगणना के दौरान ऐसे मत रद कर दिए जाते हैं। ऐसी स्थिति में जरूरत है कि मतदाताओं को जागरूक करने के लिए चुनाव से पूर्व व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाए। लोकसभा और विधानसभा चुनावों की तर्ज पर जगह-जगह माक पोल कराकर मतदाताओं को मतदान की प्रक्रिया समझाई जाए। ताकि मतदान के दौरान उन्हें किसी तरह की परेशानी अथवा असमंजस का सामना न करना पड़े।


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