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जेल में बंद आरएस यादव को थमाई ओवरलोड ट्रकों की सूची, बसपा सरकार में पैठ थी सीधे पंचम तल तक

भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद चंदौली के निलंबित एआरटीओ आरएस यादव के खिलाफ शासन ने फिर कार्रवाई तेज कर दी है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 04 Oct 2019 10:25 AM (IST)Updated: Fri, 04 Oct 2019 06:24 PM (IST)
जेल में बंद आरएस यादव को थमाई ओवरलोड ट्रकों की सूची, बसपा सरकार में पैठ थी सीधे पंचम तल तक
जेल में बंद आरएस यादव को थमाई ओवरलोड ट्रकों की सूची, बसपा सरकार में पैठ थी सीधे पंचम तल तक

वाराणसी, जेएनएन। भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद चंदौली के निलंबित एआरटीओ आरएस यादव के खिलाफ शासन ने फिर कार्रवाई तेज कर दी है। परिवहन आयुक्त के निर्देश पर गुरुवार को मीरजापुर जेल में बंद एआरटीओ को वहां के यात्रीकर अधिकारी प्रमोद कुमार सिंह ने आरोप का साक्ष्य उपलब्ध कराया। वहीं, उप परिवहन आयुक्त (डीटीसी) ने चंदौली एसपी को पत्र भेजकर जिले के विभिन्न थानों में दर्ज मुकदमों के बारे में जानकारी मांगी है। साथ में शासन ने विभाग की ओर से भेजी गई रिपोर्ट को भी मांगा है जिससे आगे की कार्रवाई की जा सके। 

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योगी सरकार बनते ही पूर्व परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने ओवरलोड ट्रकों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। चंदौली में ओवरलोड ट्रकों के संचालन पर रोक नहीं लगने पर मंत्री ने टीम गठित करके दिन-रात अभियान चलवाया। बनारस में तैनात एआरटीओ राजीव कुमार पर चंदौली में चेकिंग के दौरान ओवरलोड ट्रकों के संचालन में शामिल लोगों ने सात जून को हमलाकर कर लहूलुहान कर दिया। आठ जून को सीओ सदर त्रिपुरारी पांडेय ने ओवरलोड ट्रकों से वसूली करते हुए एआरटीओ के खास सिपाही शिव बहादुर यादव और प्राइवेट चालक को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। तलाशी में सिपाही के पास 16850 रुपये मिले। सिपाही ने बताया कि एआरटीओ के कहने पर वसूली करते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर भ्रष्टाचार के आरोप में नौ जुलाई 2017 को चंदौली के निलंबित एआरटीओ आरएस यादव को लखनऊ से बनारस आते समय जौनपुर में गिरफ्तार कर लिया गया था।

मौके पर उनकी कार में कई लाख रुपये होने की बात सामने आई थी। आरोप था कि चंदौली में तैनाती के दौरान एआरटीओ ने ओवरलोड ट्रकों को चलवाने के साथ जमकर काली कमाई की। तत्कालीन बनारस और मीरजापुर आरटीओ की रिपोर्ट पर शासन ने एआरटीओ को निलंबित कर दिया गया। निलंबित एआरटीओ से स्पष्टीकरण मांगा गया तो उन्होंने यह कहते हुए जवाब देने से इंकार कर दिया है कि अभी जेल के अंदर हूं। मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, जेल से बाहर आने पर जवाब दूंगा। दोबारा स्पष्टीकरण मांगा गया तो उन्होंने कहा कि आरोप का आधार क्या है। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। इस बीच शासन ने फिर निलंबित एआरटीओ के बारे में रिपोर्ट मांगी है जिससे आगे की कार्रवाई की जा सके। मीरजापुर में तैनात यात्रीकर अधिकारी ने उस दौरान चंदौली से गुजरे ओवरलोड ट्रकों की सूची उपलब्ध कराने के साथ शासन के पत्र से अवगत कराया। 

कहीं बर्खास्ती की तैयारी तो नहीं : मीरजापुर जेल में करीब सवा दो साल से बंद निलंबित एआरटीओ की फाइल और उनके बारे में पूरा ब्यौरा अचानक मांगने से अनुमान लगाया जा रहा है कि कहीं बर्खास्ती की तैयारी तो नहीं है। इसको लेकर विभाग में चर्चा तेज हो गई है। 

बोले अधिकारी : शासन के निर्देश पर निलंबित एआरटीओ को साक्ष्य के साथ पत्र अवगत करा दिया गया है। उन्हें जवाब देने के लिए मोहलत दी गई है। साथ में चंदौली एसपी को पत्र लिखकर जिले में दर्ज मुकदमों के बारे में पूछा गया है। -लक्ष्मीकांत मिश्रा, उप परिवहन आयुक्त 

मुख्यमंत्री के निर्देश पर हुई कार्रवाई : भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद निलंबित एआरटीओ आरएस यादव की हनक और सत्ता में पकड़ के चलते कोई अधिकारी उसके ऊपर हाथ डालने से कतरा रहा था। उसकी पैरवी में कई मंत्री और विधायक लग गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हस्तक्षेप पर पुलिस महकमा में हड़कंप मच गया और उसे आनन-फानन में लखनऊ से लौटते समय जौनपुर में घेराबंदी कर गिरफ्तार किया गया। उसे छुड़ाने के लिए थाने में कई लोग पहुंच गए लेकिन मामला मुख्यमंत्री से जुड़ा होने के कारण लोग बैरंग लौट गए। 

सपा और बसपा सरकार में आरएस यादव की पैठ पंचम तल तक सीधे रही। अखिलेश सरकार में तो चंदौली के डीएम को खामियाजा तक भुगतना पड़ा। चंदौली डीएम ने परिवहन कार्यालय में छापा मारने के दूसरे दिन स्थानांतरण हो गया। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर भ्रष्टाचार के आरोप में नौ जुलाई 2017 को चंदौली के निलंबित एआरटीओ आरएस यादव को लखनऊ से बनारस आते समय जौनपुर में गिरफ्तार कर लिया गया था। मौके पर उनकी कार में कई लाख रुपये होने की बात सामने आई थी। 


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