वाराणसी में मौसमी बीमारियों का प्रकोप, बारिश के मौसम में बच्चों का रखें विशेष ध्यान
मौसम के इस संक्रमण काल में घर-घर वायरल बुखार व सर्दी-जुखाम से पीड़ित मिल रहे हैं। डेंगू मलेरिया समेत मच्छर जनित बीमारियों की संख्या भी अचानक बढ़ गई है। उल्टी तथा दस्त से बचाव के लिए स्वच्छ पीने के पानी का प्रयोग करें।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। मौसम के इस संक्रमण काल में घर-घर वायरल बुखार व सर्दी-जुखाम से पीड़ित मिल रहे हैं। डेंगू, मलेरिया समेत मच्छर जनित बीमारियों की संख्या भी अचानक बढ़ गई है। मंडलीय हास्पिटल कबीरचौरा के वरिष्ठ परामर्शदाता एवं बाल रोग विशेषज्ञ डा. एसपी सिंह के मुताबिक यह मौसम संक्रामक बीमारियों का है। इसमें बच्चों पर विशेष ध्यान देना होगा। ऐसा न करने पर बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी तीन तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। पहला-सर्दी, खांसी, जुकाम एवं बुखार, दूसरा-उल्टी दस्त और बुखार तथा तीसरा-डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया तथा मच्छरजनित रोग। डा. सिंह ने बताया कि कोविड प्रोटोकाल में तीन चीजें मुख्य हैं, मास्क पहनना, हाथों को 20 सेकेंड तक धोना या सैनिटाइज करना तथा शारीरिक दूरी बनाए रखना। बच्चे को मास्क पहनने के लिए प्रेरित करें, ताकि वे सर्दी-जुकाम के साथ कोविड से भी बचे रहें। उल्टी तथा दस्त से बचाव के लिए स्वच्छ पीने के पानी का प्रयोग करें तथा घर का बना हुआ ताजा खाना खिलायें, बासी खाना खिलाने से परहेज करें। बच्चे को बाजार की कोई भी खुली हुई चीज बिलकुल न खिलायें। इसके अलावा बच्चे को ज्यादा भीड़-भाड़ वाली जगह, शादी, विवाह, समारोह, बाजार तथा अस्पताल बिना जरूरत के न ले जाएं।
आस-पास न इकट्ठा होने दें पानी
डा. सिंह ने बताया कि घर के आस-पास साफ–सफाई रखें। कहीं भी (कूलर, छत पर पड़े टायर, गमले, नारियल के खोल, टीन के डिब्बों आदि में) पानी न इकट्ठा होने दें, ताकि मच्छरों के लार्वा न पनप सकें। बच्चों को पूरी आस्तीन के कपड़े पहनाएं। सोते समय मच्छरदानी लगाएं।
घर में रखें ओआरएस का पैकेट
उल्टी-दस्त होने पर घर में रखे ओआरएस का घोल बना कर बच्चों को दें, ताकि उन्हें डिहाइड्रेशन से बचाया जा सके। उल्टी होने पर ओआरएस का घोल या अन्य पेय पदार्थ जैसे दाल का पानी, पतली दलिया या मांड थोड़ी-थोड़ी मात्रा में जल्दी-जल्दी देना सुनिश्चित करें। यदि बच्चा उल्टी करता भी है तो थोड़ा-थोड़ा ओआरएस का घोल तथा पेय पदार्थ देते रहें। ओआरएस पैकेट दो तरह के होते हैं। छोटा पैकेट 200 मिलीलीटर (एक गिलास) पानी में घोलना होता है और बड़ा पैकेट एक लीटर पानी में घोलना होता है।
बुखार होने पर गीले कपड़े से पोछें शरीर
बच्चे को बुखार होने पर डाक्टर के परामर्श अनुसार दवा दें। बुखार तेज हो तो सूती गीले कपड़े से शरीर पोंछना उपयोगी तरीका है। कुछ बच्चों को बुखार आने पर कभी-कभी हल्का मिर्गी की तरह का दौरा पड़ सकता है, ऐसी स्थिति में बच्चे को सुविधानुसार करवट लिटा दें और उसकी गर्दन को सीधा रखें।
मंडलीय हास्पिटल में है प्लेटलेट्स चढ़ाने की व्यवस्था
डेंगू बुखार में कुछ बच्चों का प्लेटलेट्स कम हो सकती है। ऐसे में प्लेटलेट्स की जल्दी-जल्दी जांच कराना जरूरी होता है। इस दौरान यदि प्लेटलेट्स 20000 से कम हो जाए तो प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत होती है। बच्चे को अस्पताल में भर्ती कर, चिकित्सक के परामर्श के अनुसार प्लेटलेट्स चढ़वाएं। कबीरचौरा स्थित एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय में प्लेटलेट्स और इसे चढ़ाने की भी व्यवस्था है।