Varanasi News: आयोगों में जगह पाने में पीछे छूट रही काशी, भाजपा कार्यकर्ताओं का धैर्य दे रहा परीक्षा
वाराणसी के भाजपा कार्यकर्ता आयोगों में जगह पाने के लिए लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग पिछड़ा वर्ग आयोग और महिला आयोग के कुल 75 पदों पर नियुक्तियां की हैं लेकिन वाराणसी के किसी भी कार्यकर्ता को मौका नहीं मिला है। इससे कार्यकर्ताओं का धैर्य परीक्षा दे रहा है।
अशोक सिंह, जागरण वाराणसी। राजनीतिक दलों का हर कार्यकर्ता या पदाधिकारी बड़ा जनप्रतिनिधि नहीं बन सकता। ऐसे में सत्ताधारी दल कार्यकर्ताओं को आयोगों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य आदि पदों पर तैनात करते हैं। इसका कार्यकर्ताओं को इंतजार रहता है। भाजपा सरकार ने लंबे इंतजार के बाद अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग, पिछड़ा वर्ग आयोग और महिला आयोग के कुल 75 पदों पर प्रदेश में तैनाती की है।
तीनों बड़े और महत्वपूर्ण आयोग में वाराणसी के किसी भी कार्यकताओं को मौका नहीं मिला है। वैसे अभी 250 से अधिक खाली पदों को लेकर उम्मीद बनी है। लेकिन कार्यकर्ताओं का धैर्य रोज ब रोज परीक्षा दे रहा है।
उम्मीद इसलिए भी है कि निकाय चुनाव के समय मुख्यमंत्री ने बैठक में घोषणा की थी कि काशी के वर्करों को सम्मानित पद दिए जाएंगे। उप्र अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग में अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष और 17 सदस्य होते हैं। इसे राज्यपाल ने मंजूरी दे दी।
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इसमें वाराणसी से किसी को मौका नहीं मिला। यही नहीं भाजपा काशी क्षेत्र के 14 जिलों में मात्र भदोही के मिठाईलाल सदस्य बने हैं। आजमगढ़ के तीजाराम और मऊ के विनय राम सदस्य बने हैं जो गोरक्ष क्षेत्र से हैं।
पिछड़ा वर्ग आयोग में अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष समेत कुल 27 सदस्यीय कमेटी में भी काशी को स्थान नहीं मिला है। उपाध्यक्ष पद पर मीरजापुर के सोहन लाल श्रीमाली और चंदौली के सत्येंद्र कुमार बारी व शिवमंगल बियार, गाजीपुर से डा. मुरहू राजभर और मऊ के विनोद यादव सदस्य बने हैं।