Myanmar तक पहुंची प्राच्य विद्या की धमक, संस्कृत के अध्यापक भी ऑनलाइन ले रहे क्लास
लॉकडाउन को देखते हुए संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय ने भी ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी है। जूम एप के माध्यम से अध्यापक के अध्यापक भी ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं।
वाराणसी, जेएनएन। लॉकडाउन को देखते हुए संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय ने भी ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी है। जूम एप के माध्यम से अध्यापक के अध्यापक भी ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं। ऑनलाइन क्लास करने वालों में म्यांमार, नेपाल सहित अन्य देशों के विदेशी छात्र भी शामिल हैं। ऐसे में ऑनलाइन मार्ग से प्राच्य विद्या की धमक अब म्यांमार व नेपाल तक आसानी से पहुंच रही है।
कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल ने बताया कि विश्वविद्यालय के शास्त्री-आचार्य, पीएचडी सहित विभिन्न पाठ्यक्रम में 96 विदेशी छात्र भी पंजीकृत हैं। इसमें इटली, स्पेन, थाईलैंड, म्यांमार, नेपाल व भूटान के विद्यार्थी शामिल हैं। इसमें सर्वाधिक विद्यार्थी म्यांमार व नेपाल के हैं। कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए अस्थायी रूप से ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था शुरू की गई है ताकि छात्रों का कम से कम नुकसान हो।
शिक्षक वाट्सएप, यू-ट्यूब, फेसबुक, जूम एप व वेबसाइट के माध्यम से पढ़ाने में जुटे
शासन की गाइड लाइन के अनुसार शिक्षक वाट्सएप, यू-ट्यूब, फेसबुक, जूम एप व वेबसाइट के माध्यम से पढ़ाने में जुटे हुए हैं। इसमें श्रमण विद्या संकाय के अध्यक्ष प्रो. रमेश प्रसाद व पालि व थ्रेरवाद विभाग के अध्यक्ष प्रो. हर प्रसाद दीक्षित व भी शामिल है। प्रो. रमेश प्रसाद ने बताया कि अब तक 31 विदेशी विद्यार्थी ऑनलाइन क्लास जुड़ सके हैं। हालांकि ऑनलाइन क्लास का कई ऐसी विदेशी छात्र भी लाभ उठा रहे हैं जो विश्वविद्यालय में पंजीकृत नहीं हैं लेकिन संस्कृत भाषा में उनकी रूचि है। प्राच्य विद्या में उनकी दिलचस्पी को देखते हुए उन्हें भी ऑनलाइन क्लास की अनुमति दे दी गई है। कहा कि अभी भी 50 फीसद विदेशी छात्र नहीं जुड़ सके हैं। इसके अलावा देश के विभिन्न राज्यों के विद्यार्थियों की भी पढ़ाई ऑनलाइन चल रही है। कहा कि विश्वविद्यालय खुलने तक ऑनलाइन क्लास जारी रहेगा।
विशेष विमान से रवाना किए गए विदेशी छात्र
लॉकडाउन होने के कारण कई विदेशी छात्र बनारस में ही फंसे हुए थे। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से उनके अभिभावक भी चिंतित थे। हालांकि म्यांमार के सभी विशेष विशेष विमान से अपने-अपने घरों की ओर रवाना हो गए हैं। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों में 74 विदेशी छात्र भी पंजीकृत है। लॉकडाउन से पहले ज्यादातर विदेशी छात्र घर चले गए हैं। वहीं म्यांमार के 28 छात्र अंतरराष्ट्रीय छात्र में फंस गए थे। कुलपति प्रो. राजाराम शुल्क ने बताया कि गृह मंत्रालय के पत्र के आधार पर विदेशी छात्रों को म्यांमार जाने की अनुमति दे दी गई। वार्डेन प्रो. रमेश प्रसाद ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय छात्रावास 28 विद्यार्थी रह गए थे।
बीएचयू के 22 श्रीलंकाई छात्रों को भेजा गया हमवतन
लॉकडाउन के बाद बीएचयू कैंपस में फंसे 22 श्रीलंकाई छात्रों को श्रीलंका भेज दिया गया है। जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने बताया कि मंगलवार को उन्हें विदेश मंत्रालय की अनुमति मिलने से विशेष विमान द्वारा नई दिल्ली भेज दिया गया। बीएचयू के कुलसचिव के अनुरोध पर भेजे गए श्रीलंकाई छात्रों को यात्रा के दौरान शारीरिक दूरी का पालन करने की हिदायत दी गई है।