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गाजीपुर में बिहार बार्डर पर छप्‍पर में खुली पुलिस चौकी, गंगा में शव फेंकने वालों पर रहेगी नजर

उत्‍तर प्रदेश में गंगा नदी में शवों के मिलने के बाद से जिला प्रशासन एक्शन मोड में है। यूपी- बिहार सीमा पर 24 घंटे पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं। कर्मनाशा पुल के पास स्लाइडिंग बैरियर लगाकर सुरक्षा सख्त कर दी गई है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 05:33 PM (IST)Updated: Sun, 16 May 2021 05:33 PM (IST)
गाजीपुर में बिहार बार्डर पर छप्‍पर में खुली पुलिस चौकी, गंगा में शव फेंकने वालों पर रहेगी नजर
गंगा में शवों के मिलने के बाद से गाजीपुर जिला प्रशासन एक्शन मोड में है।

गाजीपुर, जेएनएन। गंगा में शवों के मिलने के बाद से जिला प्रशासन एक्शन मोड में है। यूपी- बिहार सीमा पर 24 घंटे पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं। कर्मनाशा पुल के पास स्लाइडिंग बैरियर लगाकर सुरक्षा सख्त कर दी गई है। अब यहां बकायदा पु‍लिस के लिए झोपड़ी भी लगाई जा रही है। पुलिस इसमें बैठकर पुलिस बिहार से आने वाले शवों को रोकेगी और कर्मनाशा पुल के आसपास से आने-जाने वाले लोगों की गतिविधियों पर भी नजर रखी जाएगी। दरअसल बिहार के लोगों के संक्रमित शव यूपी में गंगा नदी में गुपचुप रात के अंधेरे में फेंकने के कई मामले सामने आए हैं। 

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क्षेत्र के सभी गंगा घाटों पर दिन-रात पुलिस चौकसी कर रही है। अधिकारी लगातार घाटों का निरीक्षण कर रहे हैं। इधर, ताड़ीघाट - बारा मार्ग पर स्थित कर्मनाशा पुल के पास पुलिस ने स्थाई अड्डा जमाने की तैयारी शुरू कर दी है। चौकी प्रभारी बारा केपी सिंह की देखरेख में यहां झोपड़ी लगवाई जा रही है, ताकि, यहां से बार्डर और नदी की सतत निगरानी की जा सके। चौकी प्रभारी केपी सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन के निर्देश पर यहां झोपड़ी लगाई जा रही है। उन्होंने कहा कि पहले से यहां जो चेकपोस्ट बना था वह टूट गया है। बहरहाल इस नाके की निगरानी बारा पुलिस चौकी से की जा रही है। ताकि, 24 घंटे ड्यूटी करने वाले सुरक्षाकर्मियों को कोई परेशानी न हो।

उरअसल बलिया और गाजीपुर सहित यूपी के कई जिलों में बिहार से वाहनों में शव को लाकर गंगा नदी में प्रवाहित करने की घटना सामने आने के बाद से ही यूपी की इंटरनेट मीडिया में काफी फजीहत हो रही है। इसकी वजह से बिहार से सटे गाजीपुर जिले में झोपड़ी में ही अस्‍थाई पुलिस चौकी खोल दी गई है। पुलिस के अनुसार बारिश और धूप के साथ ही पुलिस को सिर ढकने के लिए छाया की भी तलाश थी। चूंकि विभाग की ओर से स्‍थाई व्‍यवस्‍था नहीं हो पा रही थी इसलिए पुलिस के लिए स्‍थानीय लोगों के सहयोग से इस छप्‍पर के अस्‍थाई पुलिस चौकी का निर्माण कराया गया है ताकि जल्‍द ही पुलिस यहां की छांव में बैठकर बिहार से आने वाले शवों को निगरानी कर सके। यहां पर बैरियर की निगरानी पुलिस की एक पिकेट अब इसी छप्‍पर के भीतर बैठकर करेगी। 


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