जिनका लिस्ट में था नाम उन्हें ही अदालत में जाने की मिली इजाजत
जागरण संवाददाता वाराणसी ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण में दाखिल मुकदमे की सुनवाई के दौर
जागरण संवाददाता, वाराणसी : ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण में दाखिल मुकदमे की सुनवाई के दौरान जिला जज की अदालत के बाहर जबरदस्त सुरक्षा व्यवस्था रही। इसके लिए तीन थानों की फोर्स लगाई गई थी। पुलिस के पास अदालत की कार्यवाही से संबंधित लोगों के नाम की सूची थी। इससे मिलान कर के ही किसी को अदालत में जाने दिया जा रहा था। जिसका नाम सूची में नहीं था उसकी लाख दलील के बाद भी जिला जज की अदालत में जाने की अनुमति नहीं मिली। पुलिस ने सूची में नाम न होने की वजह से पूर्व एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्र को भी रोक दिया।
मुकदमे की सुनवाई लंच के बाद दोपहर दो बजे होनी थी। इसके लिए डेढ़ बजे ही जिला जज की अदालत को खाली करा दिया गया। इसके बाद वादी एवं प्रतिवादी पक्ष के वकील, जिला शासकीय अधिवक्ता महेंद्र प्रसाद पांडेय, एडवोकेट कमिश्नर और वादी पक्ष की महिलाओं को सूची में नाम देखकर के बाद जाने दिया गया। जो अदालत में जा रहा था पुलिसकर्मी बाकायदा उसकी मेटल डिटेक्टर से जांच कर रहे थे। अदालत में लंबित कुछ मुकदमों को दूसरी जगहों पर स्थानांतरित कर दिया गया था। इसके साथ ही पूरे कचहरी परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी गयी थी। पुलिसकर्मी लगातार चक्रमण कर रहे थे।
सुरक्षा घेरे में वादी-प्रतिवादी के वकील
मुकदमे की संवदेनशीलता को देखते हुए सुरक्षा में किसी तरह की ढील नहीं दी जा रही है। मुकदमे से जुड़े वादी पक्ष की महिलाओं के साथ उनके वकीलों और प्रतिवादी पक्ष के वकीलों की सुरक्षा में हथियारबंद पुलिस के जवान तैनात हैं। इसके साथ ही मुकदमे की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश व जिला शासकीय अधिवक्ता की सुरक्षा में भी पुलिस के जवान लगाए गए हैं।