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संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्याल में खुलेगा आनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र, बजट में एक करोड़ 16 लाख रुपये का प्रविधान

बजट में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय को आनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र खोलने के लिए एक करोड़ 16 लाख रुपये मिला है। इस केंद्र के माध्यम से ज्योतिष कर्मकांड वास्तुशास्त्र योग तीर्थ श्राद्धकर्म पौरोहित्य अर्चक में तीन माह का सर्टिफिकेट व छह माह का डिप्लोमा कोर्स आनलाइन संचालित किया जाएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 26 May 2022 09:47 PM (IST)Updated: Thu, 26 May 2022 09:47 PM (IST)
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्याल में खुलेगा आनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र, बजट में एक करोड़ 16 लाख रुपये का प्रविधान
बजट में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय को आनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र खोलने के लिए एक करोड़ 16 लाख रुपये मिला है

जागरण संवाददाता, वाराणसी : बजट में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय को आनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र खोलने के लिए एक करोड़ 16 लाख रुपये मिला है। इस केंद्र के माध्यम से ज्योतिष, कर्मकांड, वास्तुशास्त्र, योग, तीर्थ, श्राद्धकर्म, पौरोहित्य, अर्चक में तीन माह का सर्टिफिकेट व छह माह का डिप्लोमा कोर्स आनलाइन संचालित किया जाएगा। खास बात यह है कि इन कोर्सों में दाखिले के लिए संस्कृत भाषा की बाध्यता भी नहीं होगी।

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कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि प्राच्य विद्या के प्रचार-प्रसार के लिए विश्वविद्यालय ने आनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र खोलने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। प्रस्ताव के क्रम में शासन बजट भी आवंटित कर दिया है। राजभवन से मिलते ही ही दाखिले के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। कहा कि आनलाइन व आफलाइन दोनों मोड में कोर्स शुरू करने का निर्णय लिया है ताकि घर बैठे भी लोग सर्टिफिकेट व डिप्लोमा कर सके। इससे आम जनमानस, गृहिणी व नौकरीपेशा वाले लोग भी धर्म-कर्म की समझ विकसित होगी। वहीं उन्हें रोजगार के अवसर मिल सके।

आनलाइन के लिए डिजिटल स्टूडियो

आनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र के लिए विश्वविद्यालय में डिजिटल स्टूडियो बनाने का प्रस्ताव है ताकि विषय विशेषज्ञों के व्याख्यान की रिकार्डिंग की जा सके।

संस्कृत विवि में अब योगा की भी होगी पढ़ाई

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में नए सत्र से योगा की भी पढ़ाई होगी। सत्र 2022-23 से विश्वविद्यालय शास्त्री (बीए) इन योगा, आचार्य (एमए), इन योगा, स्नातकोत्तर योग अध्ययन डिप्लोमा (पीजी डिप्लोमा इन योगा) शुरू करने का निर्णय लिया है। योग के तीनों पाठ्यक्रमों को विद्यापरिषद से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। अब राजभवन से भी स्वीकृति प्रदान कर दी है। कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी त्रिपाठी ने बताया कि कुलाधिपति ने एमए (हिंदू स्टडी) के अलावा योगा के पाठ्यक्रम को भी पाठ्यक्रम को भी हरी झंडी दे दी है। इस संबंध में कुलाधिपति के विशेष कार्याधिकारी प्रो. पंकज एल. जानी की ओर से जारी स्वीकृति पत्र विश्वविद्यालय को मिल चुका है। योगा के तीनों पाठ्यक्रम स्ववित्तपोषित योजना के तहत संचालित किए जाएंगे। वहीं दाखिला नया सत्र से शुरू करने का निर्णय लिया है। अगले सत्र से सीबीसीएस प्रणाली होगा लागू उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत विश्वविद्यालय में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) व ग्रेडिंग प्रणाली लागू किया जाएगा। इसकी रूपरेखा लगभग बना ली ली गई है। कहा कि सीबीसीएस प्रणाली से शिक्षा की गुणवत्ता व छात्रों की परफारमेंस सुधार आना तय है।


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