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Online OPD : कोरोना महामारी के दौरान मरीजों के लिए वरदान बनेगी ई-संजीवनी

कोरोना महामारी के दौरान मरीजों के लिए वरदान बनेगी ई-संजीवनी अब सीएचसी और पीएचसी में भी यह सुविधा उपलब्‍ध रहेगी।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 24 Jul 2020 04:54 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jul 2020 05:38 PM (IST)
Online OPD : कोरोना महामारी के दौरान मरीजों के लिए वरदान बनेगी ई-संजीवनी
Online OPD : कोरोना महामारी के दौरान मरीजों के लिए वरदान बनेगी ई-संजीवनी

वाराणसी,जेएनएन। कोरोना महामारी के चलते पिछले चार माह से मंडलीय अस्पताल को छोड़कर शहर के किसी अस्पताल में ओपीडी संचालित नहीं हो पा रही है। इसकी वजह से सामान्य या अन्य गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अब ऐसे लोगों को राहत देने की कवायद शासन स्तर से की जा रही है। मरीज बिना अस्पताल गए अब घर बैठे ही सरकारी चिकित्सक से इलाज करा सकेंगे। इसके लिए उन्हेंं बस एक एप डाउनलोड करना होगा। जी हां, ई-संजीवनी ओपीडी एप के माध्यम से मरीजों को यह सुविधा उपलब्ध होगी।

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कोरोना वायरस के मद्देनजर ई-संजीवनी ओपीडी राज्य स्तर पर शुरू की गई है। जल्द ही यह जिला अस्पताल और सीएचसी, पीएचसी पर भी उपलब्ध होगी। इस संबंध में महानिदेशक परिवार कल्याण डा. मिथिलेश चतुर्वेदी प्रदेश के सभी सीएमओ को लेटर भी जारी कर चुके हैं। ई-सेवा को देने के लिए हॉस्पिटल और सीएचसी, पीएचसी पर टेलिमेडिसिन सेवाएं देने वाले सभी डॉक्टरों का पंजीयन किया जाएगा, जिनके पास कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधा होगी। इसमें शहरी पीएचसी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में कंप्यूटर एवं इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। हालांकि शहर के कई हेल्थ एंड वेलनेस में ये सुविधाएं पहले से ही उपलब्ध हैं।

सुबह नौ से शाम चार बजे तक सुविधा

मरीज को प्ले स्टोर में जाकर ई-संजीवनी ओपीडी एप डाउनलोड करना होगा। तीन ऑप्शन दिखेंगे, पहला पेशेंट रजिस्ट्रेशन फार जनरेट टोकन, दूसरा पेशेंट लॉग-इन और तीसरा व्यू प्रिस्क्रिप्शन। पंजीयन होते ही सबसे पहले टोकन नंबर जेनरेट करना होगा। इसमें मोबाइल नंबर डालेंगे, फिर ओटीपी आएगी। ओटीपी फीड करते ही विवरण देने के लिए फार्म आएगा। इसमें मरीज को अपनी पूरी डिटेल और मेडिकल हिस्ट्री देनी होगी। इसके बाद टोकन नंबर मिलेगा। टोकन नंबर मिलने के बाद ऐप पर ऑनलाइन दिख रहे डॉक्टर के नाम को क्लिक करने पर वह तुरंत वीडियो काल से कनेक्ट हो जाएंगे। ओपीडी का समय सुबह नौ से शाम चार बजे तक निर्धारित किया गया है। इस अवधि में कई जनरल फिजिशियन और विशेषज्ञ चिकित्सक ऑनलाइन रहेंगे।

इसलिए जरूरी है ई-संजीवनी

स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों की मानें तो कोरोना संक्रमण की वजह से पहले ही अलग-अलग सामान्य रोग से पीडि़त मरीज हॉस्पिटल जाने से कतरा रहे हैं। इससे उनकी दवाएं बीच में ही छूट गई हैं। बहुत जरूरी होने पर भी मरीज अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसी को ध्यान में रखने हुए स्वास्थ्य विभाग ने ई-संजीवनी ओपीडी की शुरुआत की है। इस एप के माध्यम से ऐसे मरीज घर बैठे डॉक्टर से परामर्श और दवाएं भी ई-पर्ची पर लिखवा सकेंगे। सुविधा सिर्फ बनारस में नहीं देश के हर स्टेट में शुरू की गई है।

बोले अधिकारी

इस संदर्भ में शासन से पत्र मिल चुका है। ई-संजीवनी ओपीडी के माध्यम से मरीजों को घर बैठे परामर्श मिले, इसके लिए डाक्टरों को प्रशिक्षित कर एप से जोड़ा जा रहा है। लोग इस एप को डाउनलोड करने के साथ टोकन लेकर चिकित्सीय परामर्श ले सकते हैं।

- डा. वीबी सिंह, सीएमओ-वाराणसी।


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