18 जिलों के आर्थिक अपराध के लिए एक थाना, ईओडब्ल्यू इकाई का काशी में बनेगा थाना
आर्थिक अपराध के मामले अब ईओडब्ल्यू (इकोनॉमिक ऑफेंस विंग या आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा) के थाने में दे सकते हैं। राज्यपाल ने इस प्रस्ताव को संस्तुति दी है।
वाराणसी [विकास बागी] । आपके आसपास कोई फर्म घपला कर रही हैं। अलग-अलग हथकंडों से राजस्व की चोरी कर रही है या आम आदमी के हिस्से का मुनाफा खुद मार रही है। ऐसे आर्थिक अपराधों के मामले में अब आपको अपने लोकल थाने के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। आर्थिक अपराध के मामले में अब आप सीधे ईओडब्ल्यू (इकोनॉमिक ऑफेंस विंग या आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा) के थाने में दे सकते हैं। राज्यपाल ने इस प्रस्ताव को संस्तुति दे दी है। गृह विभाग के प्रमुख सचिव अरविंद कुमार ने शासकीय पत्र जारी कर यह जानकारी दी है।
चार सेक्टरों में अब ईओडब्ल्यू थाना
ईओडब्ल्यू मुख्यालय के अलावा प्रदेश में लखनऊ, कानपुर, मेरठ और वाराणसी में ईओडब्ल्यू की इकाइयां स्थापित थीं। 9 जिलों में विशेष प्रकोष्ठ भी थे। राज्यपाल के आदेश के बाद सभी को थाना बना दिया जाएगा। थाने बनने के बाद भी इनके अधिकार क्षेत्र में वह सभी जिले आएंगे जो पहले से शामिल थे। सभी थानों को फोर्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसी सभी सुविधाएं दी जाएंगी। संबंधित जिलों में होने वाले आर्थिक अपराध यहां जांच के लिए ट्रांसफर किए जाएंगे।
ऐसे अपराधों की जांच करेगा ईओडब्ल्यू
आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा या ईओडब्ल्यू जमीन बैनामा में हेरफेर, धोखाधड़ी, अमानत में खयानत के अलावा क्रेडिट और डेबिट कार्ड फ्रॉड जैसे अपराधों की जांच करेगी। जांचों के लिए विशेष प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी। थानों में दर्ज मामलों को जिलों के कप्तान सीधे ईओडब्ल्यू को ट्रांसफर कर सकेंगे। इसके साथ ही जनता ऐसे मामलों की सीधी शिकायत भी कर सकेगी।
वाराणसी ईओडब्ल्यू थाने में दर्ज होंगे 18 जिलों के मामले
वाराणसी, बलिया, गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, सोनभद्र, गोरखपुर, चंदौली, आजमगढ़, देवरिया, महाराजगंज, मऊ, सिद्धार्थनगर, संत कबीरनगर, सुल्तानपुर, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, कुशीनगर और भदोही।