बोले उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा, एक हाथ में वेद, दूसरे में कंप्यूटर है हमारी संस्कृति
उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि आधुनिकता के इस युग में भी हमने अपनी संस्कृति और संस्कार नहीं छोड़ा है।
वाराणसी, जेएनएन। उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि आधुनिकता के इस युग में भी हमने अपनी संस्कृति और संस्कार नहीं छोड़ा है। आज युवाओं के एक हाथ में वेद है तो दूसरे में कंप्यूटर। नैतिकता का भाव लेकर हम नए शिखर पर पहुंचने का सपना साकार कर रहे हैं। जितने में आज फिल्में बन रही हैं, उतने धन में हमारे वैज्ञानिकों ने चंद्रयान -2 लांच कर दिया। ऐसा करके भारत पूरी दुनिया के लिए मार्गदर्शक बना है।
वह शनिवार को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के गांधी अध्ययनपीठ सभागार में भारतीय परंपरा का आधुनिक भारत: स्वरूप व दिशा विषयक दो दिवसीय संगोष्ठी का उद्घाटन करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। विद्यापीठ और अखिल भारतीय शैक्षिक महासंघ के तत्वावधान मेंआयोजित संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि पहले इंग्लैंड व अमेरिका भारत में भूख व कंगाली दिखाते थे। कहते थे कि भूखे-नंगे हिंदुस्तानियों से बचकर रहना, कहीं हमारी रोटी न खा जाएं। अब ये धारणा बदली है। अमेरिका कहता है कि हिंदुस्तानियों से बच कर रहना, कहीं हमारा रोजगार न छीन लें। पूरी दुनिया हिंदुस्तान की मेधा को मान रही है। इसके लिए हमने संस्कृति और सभ्यता नहीं छोड़ी। कहा कि भारत एक ऐसा देश था जिसे लोग सोने की चिड़िया कहते थे।
अंग्रेजों ने हिंदुस्तान को लूटा, लेकिन वह हमारी संस्कृति नहीं लूट सके। हमारी संस्कृति आज भी जिंदा है और आगे भी जीवित रहेगी। हम अपनी संस्कृति को बचाते हुए पाश्चात्य संस्कृति को अपना रहे हैं। आधुनिकता अपनाने के बावजूद हमने अध्यात्म को नहीं छोड़ा है। आधुनिक युग में भी भारतीय संस्कृति मजबूती से परिलक्षित होती है।
- सूबे का बदला माहौल डिप्टी सीएम ने कहा कि पहले यूपी को उल्टा प्रदेश कहा जाता था। वर्तमान में प्रदेश का स्वरूप बदल रहा है। आज सूबे में औद्यौगिकीकरण का माहौल बना है। गत वर्ष इन्वेस्टर मीट में करीब 60 हजार करोड़ के प्रस्ताव आए थे। वहीं दो वर्ष के भीतर आइटी सेक्टर में 59 हजार करोड़ रुपये का निवेश हो चुका हैं।
- अधिवर्षिता आयु पर अंतिम निर्णय नहीं कहा कि अध्यापकों की अधिवर्षिता आयु पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। ऐसे में अध्यापकों की सेवानिवृत्ति आयु 62 से 65 वर्ष होने की अब भी उम्मीद है।
- भारत अद्भुत देश मुख्य वक्ता संपूर्णानंद संस्कृत विवि के पूर्व कुलपति प्रो. राजेंद्र मिश्र ने कहा कि भारत अद्भुत देश है, जिसके हाथों में पूरे विश्व की कुंडली है। हम संपूर्ण राष्ट्र की रक्षा करने में समक्ष हैं। हमारे ऋषि-मुनियों ने विश्व को संभालने का सपना देखा था। आज भारत को विश्व गुरु बनने का समय आ गया है। हम अपनी मिट्टी से अपना निर्माण कर सकते हैं।
- शिक्षा पर बजट बढ़ाने की जरूरत कुलपति प्रो. टीएन सिंह ने कहा कि जो मूल को नहीं छोड़ता वह हमेशा जीवित रहता है। कोठारी आयोग का हवाला देते हुए कहा कि शिक्षा का बजट बढ़ाने की जरूरत है। कोठारी समिति ने जीडीपी का छह फीसद शिक्षा पर खर्च करने की संस्तुति की थी। जबकि वर्तमान में जीडीपी का महज तीन फीसद शिक्षा पर खर्च किया जा रहा है। महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. जेपी सिंघल, संगठन मंत्री डा. महेंद्र कपूर सहित अन्य लोगों ने विचार व्यक्त किए। स्वागत प्रो. शैलेश कुमार मिश्र, संचालन प्रकाश उदय व धन्यवाद ज्ञापन प्रो. आरपी सिंह ने किया।
- शिक्षकों ने सौंपा पत्रक संस्कृत महाविद्यालय के शिक्षकों ने वेतन विसंगतियों को लेकर उप मुख्यमंत्री को पत्रक सौंपा। गोविंद मिश्रा और अन्य शिक्षकों से उन्होंने इस मुद्दे पर लखनऊ आकर वार्ता करने की बात कही।
अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप